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कजाकिस्तान में हिंसा तेज, 48 लोग मारे गए, हालात पर काबू पाने के लिए रूस ने भेजी सेना

तीन दशक पहले सोवियत संघ से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से देश में सबसे खराब विरोध प्रदर्शनों में हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं. गृह मंत्रालय ने कहा कि मामले में अब तक 2,000 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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रूस की सेना कजाकिस्तान जाने के लिए विमान में सवार होती हुई
रूस की सेना कजाकिस्तान जाने के लिए विमान में सवार होती हुई
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कजाकिस्तान हिंसा में 48 की मौत
  • हालात पर काबू पाने के लिए रूस ने भेजी सेना

कजाकिस्तान में असाधारण रूप से हिंसक प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाबलों ने दर्जनों प्रदर्शनकारियों को मार डाला और 12 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. अब तक कुल 48 लोगों की मौत हो चुकी है.

मध्य एशियाई राष्ट्र में सत्तावादी शासन के लिए बढ़ती चुनौती के रूप में बढ़ती अशांति में एक पुलिस अधिकारी का सिर कलम कर दिया गया. अधिकारियों द्वारा कड़ी प्रतिक्रिया के बावजूद, प्रदर्शनकारी देश के सबसे बड़े शहर, अल्माटी में राष्ट्रपति निवास और वहां के मेयर के कार्यालय में सेंध लगाने के एक दिन बाद फिर से सड़कों पर उतर आए. 

अब तक 2,000 लोग गिरफ्तार

रूस की स्पुतनिक समाचार सेवा ने बताया कि शहर में लगभग 200 प्रदर्शनकारियों के एक समूह को पुलिस द्वारा घेरने के दौरान गोलियां चलाई गईं. गृह मंत्रालय ने कहा कि मामले में अब तक 2,000 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस प्रवक्ता सल्तनत अज़ीरबेक ने राज्य समाचार चैनल खबर -24 को बताया कि बुधवार के बवाल में, "दर्जनों हमलावरों को मार गिराया गया. शहर के अधिकारियों के अनुसार, अशांति में 12 पुलिस अधिकारी मारे गए और 353 घायल हुए.

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सड़कों पर उतर आए दसियों हजार लोग

तीन दशक पहले सोवियत संघ से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से देश में सबसे खराब विरोध प्रदर्शनों में हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं. हालांकि वाहन ईंधन के लिए कीमतों के लगभग दोगुने होने पर प्रदर्शन शुरू हुए लेकिन अब हालात देश में व्यापक असंतोष को दिखा रहे हैं.

 

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