आर्थिक संकट और भुखमरी से जूझते वेनेजुएला में लोगों के सामने अब एक और बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. ये समस्या है ब्लैकआउट की. वेनेजुएला में यह दूसरा मौका है जब बड़े पैमाने पर ब्लैकआउट किया गया. इसके बाद मंगलवार को स्कूलों व कार्यालयों को 24 घंटे के लिए बंद रखने का आदेश दिया गया. अधिकारियों द्वारा जल्द से जल्द बिजली सप्लाई के लिए काम किया जा रहा है. यह जानकारी संचार मंत्री जॉर्ज रोड्रिगेज ने दी.
अधिकारियों के अनुसार, दक्षिण-पूर्व वेनेजुएला में गुरी बांध पर बने केंद्रीय पनबिजली संयंत्र पर हुए दो नए हमले के बाद बिजली गुल हुई और देश के कई हिस्सों में बिजली प्रभावित हुई.
रोड्रिगेज के बयान के मुताबिक सरकार ने हमलों के बाद से देश भर में जल्द से जल्द बिजली सप्लाई के लिए कोशिश शुरू कर दी है. उन्होंने तथाकथित तौर पर सोमवार की रात गुरी संयंत्र पर हुए आगजनी के हमले की तस्वीरें भी ट्विटर पर पोस्ट की हैं, जिसमें संयंत्र का हिस्सा आग की लपटों में घिरा दिख रहा है.
रोड्रिगेज ने कहा कि अपराधियों ने बिजली उत्पादन व ट्रांसमिशन को नुकसान पहुंचाने के शातिर इरादे से गुरी के 765 केवीए क्षमता वाले संयंत्र में जानबूझकर आग लगा दी. बता दें कि इससे पहले भी वेनेजुएला में ब्लैकआउट हुआ और लगातार पांच दिन तक बिजली गुल थी.
ब्लैकआउट वेनेजुएला में एक नया संकट है. महंगाई की मार से वेनेजुएला पहले से ही खस्ताहाल है और लाखों लोग देश छोड़ने पर मजूबर हो चुके हैं. वहां आलम यह है कि अंधेरा होते ही हताश लोग लूटपाट करने को मजबूर हो जाते हैं. वेनेजुएला के सुदूर इलाकों का हाल ये है कि जब भी बिजली आती है, कुछ घंटे के बाद फिर से चली जाती है.
बता दें कि जनवरी महीने में देश में राजनीतिक भूचाल तब आया जब विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के निर्वाचन की वैधता को खारिज कर दिया.