अमेरिका ने पाकिस्तान के 2 आतंकवादी संगठनों को निशाना बनाते हुए लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) को वित्तीय सहायता पहुंचाने के लिए संगठन के सरगनाओं की संपत्ति पर प्रतिबंध लगा दिया है. एलईटी वही आतंकवादी संगठन है, जिसे 2008 मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है.
अमेरिकी राजकोष द्वारा हरकत उल-मुजाहिद्दीन (एचयूएम) एवं एलईटी वित्तीय सहायता नेटवर्क पर प्रतिबंध की कार्रवाई आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करने के भारत एवं अमेरिका के संयुक्त प्रयासों की प्रतिबद्धता के तहत उठाया गया कदम है.
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच संपन्न हुई पहली द्विपक्षीय बैठक के बाद मंगलवार को जारी एक संयुक्त बयान में अलकायदा के अलावा पाकिस्तान के चार आतंकवादी संगठनों लश्कर ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, डी-कंपनी और हक्कानीस का नाम प्रमुख रूप से लिया गया.
आतंकवाद एवं वित्तीय खुफिया मामलों के अवर सचिव डेविड एस. कोहेन ने कहा, 'एलईटी और एचयूएम दोनों हिंसक आतंकवादी संगठन हैं, जो आतंकवादियों को प्रशिक्षण देते हैं और कई बर्बर चरमपंथी गुटों को आतंकवादी गतिविधियों में सहायता पहुंचाते हैं.'
उन्होंने कहा, 'प्रतिबंध की कार्रवाई से इन आतंकवादी संगठनों के वित्तीय नेटवर्क और अंतराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से संपर्क को बाधित किया जाएगा.' अमेरिकी राजकोष ने एचयूएम के सरगना फज्ल-उर रहमान खलील की संपत्ति पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा, 'एचयूएम एक आतंकवादी संगठन है, जो भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से संचालित होता है और पूर्वी अफगानिस्तान में आतंकवादियों के लिए प्रशिक्षण शिविर चलाता है.'
राजकोष ने एलईटी के लिए काम करने वाले और उनको मदद पहुंचाने वाले मुहम्मद नईम शेख एवं उमैर नईम शेख की निजी संपत्तियों पर भी प्रतिबंध लगाया है.
इसके अलावा पाकिस्तान के लाहौर में स्थित मुहम्मद नईम के व्यवसाय अब्दुल हमीद शहाब उद-दीन (एएचएसडी) और उमैर नईम निया इंटरनेशनल के संचालन और संपत्ति पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. राजकोष विभाग ने अब तक एलईटी से संबंधित 27 व्यक्तियों और तीन संस्थानों पर प्रतिबंध लगाए हैं.