अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बुधवार को कहा कि रूस द्वारा यूक्रेन पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने की आशंका ही असल खतरा है. उन्होंने कहा कि सैन्य समस्याओं और यूक्रेन के बढ़ते विरोध के कारण रूस रासायनिक या परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है. नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना होने से पहले बाइडेन ने पहले पत्रकारों से यह बात कही. बाइडेन नाटो और यूरोप के प्रमुख सहयोगी देशों से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण खास तौर से रासायनिक हमलों की आशंका को लेकर चर्चा करने जा रहे हैं. बाइडेन यूरोप की चार दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं.
सबसे पहले नाटो शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल
बिडेन अपनी यात्रा के दौरान सबसे पहले ब्रसेल्स जाएंगे, जहां वह आनन-फानन में आयोजित किए गए आपातकालीन नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. वह यूरोपीय संघ और ग्रुप ऑफ सेवन की बैठकों में भी हिस्सा लेंगे. इसके बाद वह पोलैंड के अधिकारियों से मिलने के लिए शुक्रवार को वारसॉ जाएंगे.
दो हफ्ते पहले भी अमेरिका ने किया था दावा
अमेरिका दो हफ्ते पहले भी दावा कर चुका है कि रूस यूक्रेन पर बायोलॉजिकल या फिर केमिकल हथियार से हमले की तैयारी कर रहा है. व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने ट्वीट कर कहा था कि हमारे पास इसको लेकर चिंता करने की अहम वजह है. हमें रूस पर नजर रखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि संभव है कि रूस गलत वजह को आधार बनाकर केमिकल हमला कर सकता है, क्योंकि पहले भी ऐसा करता आया है.
रूस ने यूक्रेन के बहाने यूएस पर लगाए थे आरोप
अमेरिका के इस दावा के बाद रूस ने भी पलटवार करते हुए कहा था कि उसने यू्क्रेन में ऐसे जैविक हथियारों को खोज निकाला है जो अमेरिका की सरपस्ती में यहां रखे गए हैं. रूस ने कहा है कि अमेरिका के पास 30 देशों में 336 जैविक अनुसंधान लैब हैं, जिनमें 26 लैब अकेले यूक्रेन में हैं. अमेरिका को इन लैब के बारे में अपने देश और विदेश में अपनी जैविक सैन्य गतिविधियों की पूरा जानकारी देनी चाहिए.
जेलेंस्की ने भी जताई रासायनिक हमलों की आशंका
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने बुधवार को जापान की संसद को दिए अपने भाषण में कहा कि मुझे ऐसी खबरें मिली हैं कि रूस सरीन जैसे घातक रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर यूक्रेन पर हमले की तैयारी कर रहा है. अगर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है तो दुनिया कैसे प्रतिक्रिया देगी, इस पर भी अब दुनिया भर में चर्चा की जानी चाहिए.
'रूस ने लूट ली चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र की लैब'
वहीं यूक्रेन सरकार ने दावा किया है कि रूसी हमलावरों ने उसके चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र की एक प्रयोगशाला लूट लिया है. यूक्रेन की एजेंसी ने बयान में कहा, प्रयोगशाला में अत्यधिक सक्रिय एवं विकिरण समस्थानिक (रेडियोन्यूक्लाइड) के नमूने थे, जो अब दुश्मन के हाथों में हैं. यूरोपीय आयोग के समर्थन से छह अरब यूरो की लागत से बनी प्रयोगशाला में 2015 में काम हुआ था.
क्या होते हैं जैविक हथिरयार?
ऐसे हथियार जिनमें विस्फोटक नहीं बल्कि कई तरह के वायरस, बैक्टीरिया, फंगस और जहरीले पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है. जैविक हमले से लोग गंभीर रूप से बीमार होने लगते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है. इसके अलावा शरीर पर इस हमले के बहुत भयानक असर होते हैं. कई मामलों में लोग विकलांग और मानसिक बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. जैविक हथियार कम समय में बहुत बड़े क्षेत्र में तबाही मचा सकते हैं.