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पर्यावरण पर चर्चा के लिए जो बाइडेन ने 40 हस्तियों को किया आमंत्रित, PM मोदी भी शामिल

अपने निमंत्रण में जो बाइडेन ने नेताओं से आग्रह किया कि वे शिखर सम्मेलन का उपयोग इस अवसर के रूप में करें कि उनके देश भी कैसे मजबूत जलवायु महत्वाकांक्षा में योगदान देंगे. 

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अमेरिकी राष्ट्रपति ने पर्यावरण पर चर्चा के लिए 40 राष्ट्रप्रमुखों को आमंत्रित किया है. (फाइल फोटो)
अमेरिकी राष्ट्रपति ने पर्यावरण पर चर्चा के लिए 40 राष्ट्रप्रमुखों को आमंत्रित किया है. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीएम मोदी और पुतिन भी आमंत्रित किए गए
  • पर्यावरण से संबंधित मसलों पर होगी चर्चा
  • व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर दी जानकारी

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पर्यावरण को लेकर एक समिट में 40 देश के प्रमुखों को आमंत्रित किया है. इस लिस्ट में पीएम मोदी समेत तमाम अन्य देशों के प्रमुख शामिल हैं. 22-23 अप्रैल को होने वाली समिट में क्लाइमेट चेंज और इसके लिए उठाए जाने वाले सख्त कदमों को लेकर चर्चा की जाएगी.

यह समिट वर्चुअल माध्यम से होगी और लोगों के लिए लाइव प्रसारित की जाएगी. व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया कि ग्लासगो में  नवंबर में हुए युनाइटेड नेशंस क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस (COP26) की दिशा में यह एक अहम कदम होगा. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सेनारो, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सउद और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भी आमंत्रित किया गया है.

इन नेताओं के अलावा दक्षिण एशिया से बंग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग को भी समिट मे शामिल होने के लिए बुलाया गया है. अपने निमंत्रण में बिडेन ने नेताओं से आग्रह किया कि वे शिखर सम्मेलन का उपयोग इस अवसर के रूप में करें कि उनके देश भी कैसे मजबूत जलवायु महत्वाकांक्षा में योगदान देंगे. बाइडेन ने अन्य देशों के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया, जो मजबूत जलवायु नेतृत्व का प्रदर्शन कर रहे हैं. व्हाइट हाउस ने कहा कि शिखर सम्मेलन में बड़ी संख्या में व्यापारिक और नागरिक समाज के नेता भी भाग लेंगे.

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दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से जीवन और आजीविका की रक्षा करने की क्षमता को मजबूत करने के अवसरों पर चर्चा होगी. इसके अलावा जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों और तत्परता पर प्रभाव पर भी चर्चा की जाएगी.
 

 

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