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US Election: जो बाइडेन की जीत का भारत पर क्या होगा असर?

डेमोक्रेट्स उम्मीदवार जो बाइडेन भले ही इलेक्टोरल वोट की जंग में आगे चल रहे हो, लेकिन अंतिम वोट गिने जाने तक डोनाल्ड ट्रंप ने भी हार ना मानने की ठानी है.

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डेमोक्रेट्स उम्मीदवार जो बाइडेन
डेमोक्रेट्स उम्मीदवार जो बाइडेन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का कांटेदार मुकाबला
  • जो बाइडेन लगातार जीत की ओर बढ़ रहे हैं

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस वक्त कांटेदार लड़ाई चल रही है. डेमोक्रेट्स उम्मीदवार जो बाइडेन भले ही इलेक्टोरल वोट की जंग में आगे चल रहे हो, लेकिन अंतिम वोट गिने जाने तक डोनाल्ड ट्रंप ने भी हार ना मानने की ठानी है. इस बीच जो बाइडेन की जीत को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं तो उनकी भारत नीति पर मंथन शुरू हो गया है. 

जो बाइडेन इससे पहले भी भारत के साथ काम कर चुके हैं, जब वो बराक ओबामा की सरकार में उपराष्ट्रपति के पद पर थे. इसके अलावा बतौर सीनेटर भी जो बाइडेन भारत से सीधे संपर्क में रह चुके हैं, ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप की तरह वो इस क्षेत्र में बिल्कुल नए नहीं होंगे. 

भारत पर बाइडेन ने दिए हैं कैसे बयान?
बीते कुछ दिनों में जो बाइडेन ने जम्मू-कश्मीर को लेकर जो बयान दिए थे, वो काफी चर्चा में रहे थे. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के बाद मानवाधिकार के मसले पर, साथ ही नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर भारत में हुए प्रदर्शन पर जो बाइडेन और कमला हैरिस मुखर रहे हैं. दोनों ही भारत सरकार के रुख की आलोचना की थी, हालांकि एक्सपर्ट का मानना है कि सिर्फ कुछ टिप्पणी से बाइडेन की पूरी विदेश नीति को तय नहीं किया जा सकता है. 

ट्रंप के विवादित फैसलों को सुधार सकते हैं बाइडेन?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही भारत के साथ दोस्ती की बातें करते हो, लेकिन उनके कई फैसले भारत के खिलाफ भी गए हैं. H1B वीजा को लेकर फैसला, भारत में ट्रेड को लेकर बयानबाजी, कश्मीर के मसले पर टिप्पणी, पेरिस समझौते के लिए भारत पर आरोप लगाना. डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार भारत को झटके दिए हैं, लेकिन इससे अलग जो बाइडेन इन मसलों पर पूरी तरह से अलग राय रखते आए हैं. 



जो बाइडेन ने अपने विजन डॉक्यूमेंट में H1B वीजा के मसले पर नरम रुख अपनाने का वादा किया है, जिससे भारतीय मूल के युवाओं को रोजगार में फायदा हो सकता है. साथ ही भारतीय मूल के स्टूडेंट को भी राहत मिल सकती है. इसके अलावा जो बाइडेन फिर से पेरिस एग्रीमेंट पर साइन करने की बात कह रहे हैं. 

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भारत के लिए अपने संदेश में जो बाइडेन ने कहा था कि वो चाहते हैं कि भारत और अमेरिका ट्रेड के मसले पर बिना किसी विवाद के आगे बढ़ें. ऐसे में जिस ट्रेड डील को लेकर लंबे वक्त से भारत और अमेरिका में विवाद हो रहा है, उसपर राहत मिल सकती है. 

इन मुद्दों के अलावा आतंकवाद के मसले पर जो बाइडेन सख्त रुख अपनाते नजर आए हैं, वहीं चीन की नीतियों की भी उन्होंने आलोचना की है. ऐसे में अगर जो बाइडेन अमेरिका के नए राष्ट्रपति बनते हैं,  तो इसमें भारत के लिए फायदा हो सकता है. 

जो बाइडेन ने इससे पहले भारत और अमेरिका के बीच हुई न्यूक्लियर डील, बराक ओबामा प्रशासन के दौरान हुए इन्वेस्टमेंट समिट समेत अन्य कई मामलों में अहम भूमिका निभाई है.

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