बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान घिरता नजर आ रहा है. दुनियाभर में बलूचिस्तान के पीड़ित लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं. बलूचिस्तान के समर्थकों ने न्यूयॉर्क के स्टैचू ऑफ लिबर्टी के पास से एक एयक्राफ्ट गुजारा जिसके साथ लगे बैनर में बलूचिस्तानियों के हक में संयुक्त राष्ट्र से दखल देने की अपील की गई थी.
इसमें मांग की गई थी कि संयुक्त राष्ट्र को बलूचिस्तान में मनवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए मदद करनी चाहिए. विमान के बैनर में लिखा था, 'बलूचिस्तान में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए यूएन करे मदद.'
United States: An aircraft circles the Statue of Liberty, New York carrying message “U.N must help end human rights abuses in Balochistan.'' pic.twitter.com/D3ievsUcu0
— ANI (@ANI) September 27, 2019
इससे पहले भी आइसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 के दौरान भी एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड में दूसरे सेमीफाइनल मैच के दौरान स्टेडियम के ऊपर से एक विमान निकला था जिसके बैनर पर लिखा था विश्व को बलूचिस्तान के लिए आवाज उठानी चाहिए.
यूएनएचआरसी के सत्र के दौरान भी बैनर लहराए गए थे
इससे पहले जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 42वें सत्र के दौरान भी बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के तीव्र उल्लंघन को उजागर करने वाले बैनर कार्यक्रम स्थल के सामने दिखाई दिए थे. पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे बलूचिस्तान के लोगों ने इससे पहले भी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सामने क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना के 'अत्याचारों' को उजागर करते हुए अपनी बात रखी थी.
वरिष्ठ बलूच कार्यकर्ता करीमा बलूच ने मार्च महीने में ही इस मंच से इस बात को उजागर किया था कि पाकिस्तान की सेना कई दशकों से बलूच प्रांत में स्थानीय लोगों का कत्लेआम करती आ रही है. उन्होंने कहा था, 'बलूच लोगों के मानवाधिकारों के हो रहे उल्लंघन को रोका जाना चाहिए और अपराधियों को न्याय का सामना करवाना चाहिए.'
करीमा ने कहा कि दुनिया को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और एक अंतर्राष्ट्रीय जांच इस बाबत शुरू करानी चाहिए. पाकिस्तान द्वारा उन पर हो रहे अत्याचारों के संदर्भ में सिर्फ जिनेवा में ही नहीं दुनिया के दूसरे स्थानों पर भी बलूच लोगों ने अपनी बातें रखी हैं. इनमें ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं.
बलूच नेता ने मोदी से किया था आग्रह
यही नहीं बलूच नेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता अशरफ बलूच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर उनसे आग्रह किया था कि वे सभी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर बलूचिस्तान में हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाएं. अशरफ बलूच ने ट्विटर पर मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जन्मदिन की शुभकामनाएं. कृपया बलूचिस्तान के शोषित लोगों को मत भूलिएगा. मूक लोगों की आवाज बनें, संयुक्त राष्ट्र समेत सभी मंचों पर बलूचिस्तान का मुद्दा उठाएं.'
एक अन्य बलूच नेता नवाब ब्रहमदाग ने कहा था कि पाकिस्तान को कश्मीर और अफगानिस्तान पर कब्जा करने का सपना देखना बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा था, 'पाकिस्तान को कश्मीर और अफगानिस्तान पर कब्जा करने का सपना देखना बंद कर देना चाहिए. इसके बजाय इस्लामाबाद को अपनी जमीन पर बलूचिस्तान, सिंध और पश्तूनिस्तान पर फोकस करना चाहिए, जहां पर पाकिस्तानी सेना 70 सालों से उत्पीड़न कर रही है.'
बलूचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ हुई थी रैली
बलूचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ हाल ही में एक बड़ी रैली आयोजित की गई थी. जिसमें पाकिस्तानी सेना के खिलाफ नारेबाजी की गई थी. बलूच नेता द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए वीडियो में रैली में बलूच लोग पाकिस्तान सेना के खिलाफ नारे लगा रहे थे. इसके अलावा ये लोग दीवार पर 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' लिखते दिखते रहे हैं.