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Explainer: UAE ने लिया एक बड़ा फैसला, मुस्लिम दुनिया के लिए कैसे बना उदाहरण?

संयुक्त अरब अमीरात ने सिनेमाई रिलीज को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि अब फिल्मों की रिलीज पर किसी तरह का कोई सेंसर नहीं किया जाएगा. UAE की सरकार पिछले कुछ समय से अपने कई ऐसे कानूनों में बदलाव कर रही है जो खाड़ी के इस्लामिक देशों में मान्य हैं.

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अबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जाएद अल-नाहयान
अबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जाएद अल-नाहयान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • UAE ने सिनेमा को लेकर किया नियम में बदलाव
  • सिनेमाघरों में फिल्म रिलीज को नहीं किया जाएगा सेंसर
  • उदार छवि पेश करने की UAE सरकार की एक और कोशिश

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने रविवार को घोषणा की कि वो अब सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली फिल्मों को सेंसर नहीं करेगा. यूएई का मीडिया नियामक प्राधिकरण अब फिल्मों में सेंसरशिप के बजाय उन्हें 21 प्लस रेटिंग में रिलीज करेगा. यूएई में अब पारंपरिक इस्लामिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले संवेदनशील दृश्यों को काटने के बजाय, उसे 21 प्लस रेटिंग दी जाएगी.

यूएई के मीडिया नियामक प्राधिकरण ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा, 'फिल्मों को अब उनके अंतरराष्ट्रीय संस्करण के अनुसार सिनेमाघरों में प्रदर्शित किया जाएगा.'

पिछले कुछ समय से कई कानूनों में हो रहा संशोधन

संयुक्त अरब अमीरात में एडल्ट कंटेंट वाली फिल्में नियमित रूप से कट या एडिट की जाती रही हैं. आईजीएन मिडिल ईस्ट के मुताबिक, एडम ड्राइवर और लेडी स्टारर फिल्म 'हाउस ऑफ गूची' में सेक्सुअल कंटेंट की वजह से कई सीन कट किए गए. मार्वेल स्टूडियो की 'इटरनल्स' की रिलीज में भी इसी वजह से देरी हुई.

यूएई का ये फैसला इसलिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह तेल पर अपनी अर्थव्यवस्था की निर्भरता को कम करना चाहता है. यूएई ने हाल के वर्षों में अपने कानूनों में कई तरह के संशोधन किए हैं. खाड़ी देश चाहता है कि विश्व के सामने उसकी छवि एक उदार और सुधारवादी मुस्लिम देश की बने जिससे विदेशी निवेश और पर्यटन को बढ़ावा मिले. 21 प्लस रेटिंग भी अपनी इस छवि को बढ़ावा देने का यूएई का एक नया प्रयास है.

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इस फैसले से सिनेमाघर जाने वालों के लिए क्या बदलेगा?
अब यूएई में एडल्ट कंटेंट में कांट-छांट करने के बजाय उन्हें 21 प्लस की कैटिगरी में रिलीज किया जाएगा. इससे पहले, देश में सेंसरशिप लॉ की वजह से कई वेबसाइट्स और चैनलों को ब्लॉक कर दिया जाता था और फिल्मों से किसिंग और सेक्स सीन हटा दिए जाते थे. यहां तक कि चैनल पर गैर-हलाल खाने की चीजों के नाम भी प्रोग्राम में ब्लर कर दिए जाते थे. नए नियम के बाद ये सारी चीजें बदल जाएंगी.

लिव-इन रिलेशनशिप पर भी खाड़ी देश की सरकार ने बदले थे कानून

यूएई पिछले कुछ समय से अपने कई कानूनों में बदलाव कर रहा है जिसकी चर्चा अंतर्रराष्ट्रीय पटल पर भी हुई है. इनमें एक साथ रहने वाले अविवाहित जोड़ों यानी लिव-इन रिलेशनशिप से प्रतिबंध हटाना भी शामिल था.

पिछले साल के अंत में यूएई में लिव-इन को मान्यता दिए जाने पर खूब चर्चा हुई थी. विशेषज्ञों का कहना था कि एक इस्लामिक देश होने के बावजूद यूएई का अविवाहित जोड़ों को साथ रहने की अनुमति देना यह दर्शाता है कि वो विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करना चाहता है और क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा में आगे निकलना चाहता है.

शराब पर भी UAE सरकार ने कानून में किया संशोधन

इसी के साथ ही यूएई सरकार ने शराब पर प्रतिबंधों में ढील दी थी. सरकार ने 21 वर्ष या उससे अधिक उम्र वर्ग के लोगों के लिए शराब पीने, उसे रखने और बेचने पर लगाई जाने वाली पेनाल्टी को खत्म कर दिया था.

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UAE ने अपने कर्मचारियों को दी है ढाई दिन की छुट्टी

दिसंबर की शुरुआत में, संयुक्त अरब अमीरात ने घोषणा की कि अब सरकारी कर्मचारियों को ढाई दिन की छुट्टी मिलेगी. सरकारी घोषणा में कहा गया कि नए निर्णय के बाद से सरकारी कर्मचारी शुक्रवार को आधे दिन काम करेंगे और शनिवार, रविवार को अवकाश पर रहेंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से यूएई बढ़ती क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा के बीच अपनी बढ़त बनाए रखने का प्रयास कर रहा है.

यूएई में ढाई दिन की छुट्टी का फैसला 1 जनवरी से लागू हो जाएगा. सरकार ने अपने बयान में बताया कि ये फैसला उत्पादकता को बढ़ाने और वर्क लाइफ बैलेंस को ध्यान में रखकर लिया गया है. 

यूएई में प्रवासियों की है बड़ी आबादी

यूएई की कुल आबादी में प्रवासियों की संख्या काफी ज्यादा है. यहां की 80 फीसदी आबादी अलग-अलग संस्कृति और धर्म को मानती है. यूएई में भारतीय प्रवासियों की भी अच्छी खासी तादाद है. साल 2019 में यूएई ने विदेशी नागरिकों को ध्यान में रखते हुए लंबी अवधि के स्टे के लिए गोल्डन वीजा शुरू किया था. गोल्डन वीजा होल्डर्स यूएई में बिना किसी स्पॉन्सर के रह सकते हैं, पढ़ाई कर सकते हैं और नौकरी कर सकते हैं. गोल्डन वीजाधारकों के पास अपने कारोबार का 100 फीसदी स्वामित्व भी होगा.

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