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खारकीव में बमबारी के बीच अभी भी फंसे हैं भारतीय छात्र, बयां किया दर्द- न कंबल है, न खाना, रेलवे स्टेशनों पर भीड़ बेकाबू, निकलना मुश्किल

खारकीव में फंसी भारतीय छात्र फिरदौस तरन्नुम ने कहा, सिर्फ इसलिए कि रात बीत गई और हम बच गए इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे लिए संघर्ष खत्म हो गया है. हम अभी भी सुरक्षित स्थानों से कोसों दूर हैं. हम निकल आए थे, लेकिन रेलवे स्टेशनों पर भीड़ बढ़ गई और हम ट्रेन में सवार नहीं हो पाए.

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खारकीव में रेलवे स्टेशनों पर हो रही भीड़
खारकीव में रेलवे स्टेशनों पर हो रही भीड़
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत सरकार ने दी छात्रों को खारकीव छोड़ने की सलाह
  • खारकीव में अभी भी फंसे हुए हैं 1000 से ज्यादा भारतीय

खारकीव समेत यूक्रेन के तमाम शहरों पर रूस के हमले लगातार जारी हैं. भारत सरकार की अपने नागरिकों को तुरंत खारकीव छोड़ने की अपील के बावजूद कई भारतीय छात्र अभी भी यहां फंसे हैं. 

खारकीव में लगातार हो रूसी हमलों के बाद बुधवार को भारत सरकार ने अपने नागरिकों को तुरंत शहर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की सलाह दी थी. वहीं, रूस ने संघर्ष क्षेत्रों से भारतीयों को निकालने के लिए ह्यूमैनिटेरियन कॉरिडोर बनाने का वादा किया था. इसके बावजूद कई छात्रों ने दावा किया कि वे अभी भी सुरक्षित स्थान तक पहुंचने में काफी दिक्कत हो रही है. 

'अभी संघर्ष खत्म नहीं हुआ'

खारकीव में फंसी भारतीय छात्र फिरदौस तरन्नुम ने कहा, सिर्फ इसलिए कि रात बीत गई और हम बच गए इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे लिए संघर्ष खत्म हो गया है. हम अभी भी सुरक्षित स्थानों से कोसों दूर हैं. हम निकल आए थे, लेकिन रेलवे स्टेशनों पर भीड़ बढ़ गई और हम ट्रेन में सवार नहीं हो पाए. 
 
एक अन्य मेडिकल स्टूडेंट रेहम खान ने बताया कि हम खारकीव के पास पिसोचिन में शेल्टर में हैं. हमारे पास कंबल तक नहीं है. खाना भी नहीं बचा है. हमने सरकार की एडवाइजरी के तुरंत बाद चलना शुरू किया. हमें उम्मीद है कि जल्द सरकार हमारे लिए बसों की व्यवस्था करेगी और हम यहां से निकल सकते हैं. 

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भगवान भरोसे हम जिंदा- छात्र

यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने गुरुवार को खारकीव में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को तुरंत ऑनलाइन फॉर्म भरने की सलाह दी. स्टूडेंट प्रगुन ने कहा कि भगवान की कृपा, हम अभी भी सुरक्षित हैं. कल हमारे लिए बहुत कठिन दिन था. केवल भगवान ने हम सभी को बचाया. हम पिसोचिन में हैं जहां खाना नहीं मिल रहा है. जो स्टूडेंट ट्रेन पर सवार हो गए, वे सुरक्षित क्षेत्र में पहुंचने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. जबकि कई अभी भी फंसे हुए हैं. 

 वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन से भारत का निकासी अभियान और तेज हो गया है. लगभग 1,000 भारतीयों ने एक दिन पहले खारकीव से पिसोचिन पहुंचे हैं. 

वहीं, स्टूडेंट कोऑर्डिनेटर पूजा प्रहराज ने ट्वीट कर कहा, अभी भी 000 से अधिक छात्र खारकीव ओब्लास्ट में फंसे हुए हैं. अभी तक भारतीय सरकार की सहायता नहीं पहुंची है. क्या आप हमें सपनों को पूरा करने के लिए छोटे देश को चुनने की सजा दे रहे हैं? 

रूस ने दिलाया भारत को भरोसा

रूस ने बुधवार को कहा कि वह भारत की अपील पर यूक्रेन के खारकीव और अन्य संघर्ष वाले क्षेत्रों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ह्यूमैनिटेरियन कॉरिडोर बनाने की दिशा में काम कर रहा है. वहीं, जब पूछा गया कि यह कब तक शुरू हो जाएगा, इस पर रूस ने कहा, जल्द से जल्द. 

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