अफगानिस्तान में हजारों साल पुराने खंडहर से खुदाई के बाद शेर की दो मूर्तियां मिलने से वहां हलचल मच गई है. ये मूर्तियां अफगानिस्तान के कपिसा प्रांत में मिली है. बता दें कि जिस खंडहर से ये मूर्तियां निकली हैं वहां बीते तीन महीने से खुदाई चल रही थी. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक हजारों साल पुराने खंडहर को जब लगातार तीन महीने तक खोदा गया तो यहां शेर की दो मूर्तियां वाली एक सीढ़ी मिली.
अब कपिसा प्रांत के पुरातत्वविद इसका इतिहास जानने में जुट गए हैं कि आखिर ये मूर्तियां कितनी पुरानी हैं और किस राजा के शासन काल में बनी थीं. इस बात की जानकारी अफगानिस्तानी टीवी न्यूज चैनल टोलो न्यूज ने दी है.
बता दें कि अफगानिस्तान दक्षिण मध्य एशिया का एक देश है जहां की ज्यादातर आबादी मुस्लिम है. अफगानिस्तान का इतिहास बेहद पुराना है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक अफगानिस्तान की ऐतिहासिक भूमि ने कई सैन्य अभियान और राजाओं को देखा है. मान्यताओं के मुताबिक वहां सिकंदर महान, मौर्य, मुस्लिम अरब, मंगोल, सिख, ब्रिटिश, सोवियत संघ ने पूर्व में शासन किया है.Two lion statues have been discovered by archaeologists in #Kapisa province after a three-month excavation at a site with ruins “thousands of years old,” according to local officials. #Afghanistan pic.twitter.com/BvDXqdjRMX
— TOLOnews (@TOLOnews) October 18, 2019
आधुनिक इतिहास में अफगानिस्तान का राजनीतिक इतिहास 18 वीं शताब्दी में हॉटक और दुर्रानी राजवंशों के साथ शुरू हुआ. 19 वीं शताब्दी के अंत में, ब्रिटिश भारत और रूसी साम्राज्य के बीच अफगानिस्तान युद्ध का एक प्रमुख कारण बन गया. दोनों ही इस पर अपना कब्जा चाहते थे. ब्रिटिश भारत के साथ इसकी (डूरंड रेखा) 1893 में बनाई गई थी, लेकिन इसे अफगान सरकार द्वारा मान्यता नहीं मिली. 1947 में आजादी के बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बेहद तनावपूर्ण रिश्ते हैं.