तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयिप एरडोगन दुनिया के सबसे बड़े महल में शिफ्ट हो गए हैं. इस महल का नाम ‘व्हाइट पैलेस’ रखा गया है और इसे बनाने में 384 मिलियन पाउंड यानी तकरीबन 37143.48 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. व्हाइट पैलेस को लेकर राष्ट्रपति की जमकर आलोचना हो रही है.
एरडोगन 11 साल तक तुर्की के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं और अब वे 'व्हाइट पैलेस' नाम के इस महल में रह रहे हैं. महल शुरू से ही विवादों में है. इसे देश की राजधानी अंकारा में जंगल की जमीन पर बनाया गया है जबकि कोर्ट ने जंगल की जमीन पर निर्माण कार्य करने पर रोक लगा रखी है. कोर्ट के प्रतिबंध के बावजूद एरडोगन ने यह महल बनवाया है.
‘व्हाइट पैलेस’ की भव्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस महल में 1,000 कमरे हैं. इस महल को 1 लाख 50 हजार वर्ग मीटर यानी 16 लाख वर्ग फुट से भी ज्यादा जगह में बनाया गया है. बता दें कि भारत का राष्ट्रपति भवन 2 लाख वर्ग फुट में बना है. इस तरह की शाहखर्ची को लेकर एरडोगन की देश और दुनिया में तीखी आलोचना हो रही है. लेकिन आलोचनाओं से बेपरवाह एरडोगन का कहना है कि इमारत का निर्माण कोई नहीं रोक सकता, अगर किसी में दम हो तो वे आगे आएं और इसे गिरा दें.’ महल को एरडोगन के राष्ट्रपति बनने के बाद 30 अगस्त को खोला गया है.
बताया जा रहा है कि महल का खर्च राष्ट्रपति के लिए 250 प्राइवेट कमरों और इटली से मंगाए गए हजारों पेड़ों के कारण कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है. खास बात ये है कि ‘व्हाइट पैलेस’ फ्रांस के सम्राट लुई चौदहवें के महल ‘वर्सेलिस’ और ब्रिटेन के शाही परिवार के महल ‘बकिंघम पैलेस’ की तुलना में चार गुना ज्यादा बड़ा है.
तुर्की की रिपब्लिकन पीपल्स पार्टी से जुड़े विपक्ष के नेता केमल किलिकडारोग्लू के मुताबिक, ‘तथाकथित सुल्तान ने अपने लिए महल ऐसे देश में बनवाया है, जहां 30 लाख लोग बेरोजगार हैं. आपने सैकड़ों पेड़ों को काटकर अपने लिए महल बनवाया है.’ ऐसा नहीं है कि एरडोगन की शाहखर्ची सिर्फ महल तक ही सीमित हो. उन्होंने 1127 करोड़ रुपये खर्च कर एयरबस से अपने लिए स्पेशल जेट विमान भी बनवाया है.
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