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हमास का The End, बंधकों की वापसी... ट्रंप के पीस प्लान से कैसे बनेगा 'न्यू गाजा'

ट्रंप के गाजा पीस प्लान के पहले चरण पर हमास और इजरायल सहमत हो गए हैं. यह ट्रंप के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, लेकिन इसे पूरी तरह से लागू कर पाना चुनौतीपूर्ण लग रहा है. प्लान में कई बिंदुओं को सही से स्पष्ट नहीं किया गया है जिसमें हमास का निरस्त्रीकरण भी शामिल है.

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ट्रंप के गाजा प्लान के पहले चरण पर हमास और इजरायल सहमत हो गए हैं (Photo- Reuters)
ट्रंप के गाजा प्लान के पहले चरण पर हमास और इजरायल सहमत हो गए हैं (Photo- Reuters)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार, 8 अक्टूबर 2025 को घोषणा की कि इजरायल और हमास ने उनके गाजा शांति योजना के पहले चरण पर सहमति जताई है. ट्रंप का गाजा पीस प्लान दो सालों से चल रहे इजरायल-हमास युद्ध को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इस समझौते के तहत, सभी बंधकों की रिहाई, इजरायली सैनिकों की निर्धारित सीमा तक गाजा से वापसी, और मानवीय मदद की अनुमति देने की बात की गई है.

ट्रंप के पहले चरण में सभी इजरायली बंधकों की वापसी और इजरायली सैनिकों का एक निर्धारित सीमा तक पीछे हटना शामिल हैं. ट्रंप ने यह घोषणा ट्रूथ सोशल के जरिए की. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वो मिस्र जा सकते हैं ताकि संघर्षविराम और बंधकों की रिहाई से जुड़े वार्ताओं का समर्थन कर सकें.

समझौते की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि इजरायली बंधक शनिवार तक रिहा किए जा सकते हैं. सूत्र ने यह भी बताया कि इजरायली सेना समझौते पर हस्ताक्षर होने के 24 घंटे के भीतर गाजा से आंशिक वापसी का पहला चरण पूरा कर लेगी.

समझौते पर हस्ताक्षर गुरुवार को इजरायल समयानुसार दोपहर 12 बजे होने की संभावना है.

अब जबकि ट्रंप के गाजा पीस प्लान के पहले चरण पर हमास और इजरायल के बीच सहमति बन गई है, पूरे गाजा प्लान पर एक नजर डाल लेते हैं-

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ट्रंप के 20 सूत्रीय गाजा पीस प्लान में शामिल मुख्य बिंदु-

तत्काल संघर्षविराम और बंधकों की रिहाई- प्लान में गाजा में तत्काल सैन्य कार्रवाई रोकने का प्रस्ताव दिया गया है. समझौते के पहल चरण में हमास को 72 घंटे के अंदर 20 जीवित इजरायली बंधकों को रिहा कहना है. 20 मृत बंधकों के शव की वापसी भी करनी है.

इजरायली सेना को भी निर्धारित सीमा तक पीछे हटने का आदेश दिया जाएगा. हमास की तरफ छोड़े गए बंधकों के बदले में, इजरायल लगभग 1,700 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा. हर मृत इजरायली बंधक के बदले इजरायल 15 मृत गाजा निवासियों के शव लौटाएगा.
 

हमास का पूर्ण निरस्त्रीकरण

समझौते में हमास के पूर्ण निरस्त्रीकरण की बात कही गई है. कहा गया है कि फिलिस्तीनी हथियारबंद समूह हमास के जो सदस्य हथियार डालकर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए प्रतिबद्ध होंगे, उन्हें माफी दी जाएगी.

हमास का जो सदस्य गाजा से बाहर जाना चाहेगा, उसे अन्य देशों में सुरक्षित रास्ता दिया जाएगा. समझौते के तहत हमास को अपनी सुरंगें और हथियार बनाने के ठिकाने नष्ट करने होंगे.

मानवीय सहायता और पुनर्निर्माण

गाजा में युद्ध के कारण व्यापक तबाही हुई है. समझौते के तहत, गाजा मानवीय सहायता की अनुमति दी जाएगी और पुनर्निर्माण प्रयासों की शुरुआत की जाएगी. इसमें जल, बिजली, चिकित्सा सुविधाएं और अन्य जरूरी सेवाओं की बहाली शामिल है. 

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इसके लिए राफा बॉर्डर को संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रिसेंट की देखरेख में खोला जाएगा, और कोई भी पक्ष इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा.

अंतरराष्ट्रीय शांति सेना और प्रशासनिक संरचना

गाजा में एक स्थानीय, तकनीकी प्रशासन स्थापित किया जाएगा जो शहर को चलाएगा. इसका संचालन मिस्र स्थित बोर्ड ऑफ पीस करेगा. बोर्ड के अध्यक्ष खुद राष्ट्रपति ट्रंप होंगे और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भी इसमें शामिल होंगे. वहीं, फिलिस्तीनी अथॉरिटी (PA) को फिर से गठित किया जाएगा और अंत में जाकर बोर्ड ऑफ पीस का जिम्मा उसे ही सौंप दिया जाएगा.

गाजा की सुरक्षा का जिम्मा अंतरराष्ट्रीय शांति सेना के हिस्से होगा जिसे अमेरिका और अरब देशों के सहयोग से बनाया गया है. यह शांति सेना फिलिस्तीन के हथियारबंद समूहों का निरस्त्रीकरण भी सुनिश्चित करेगी.

फिलिस्तीनी राष्ट्र का क्या होगा?

ट्रंप के गाजा प्लान में फिलिस्तीनी राष्ट्र का साफ तौर पर जिक्र नहीं है. इसमें बस ये कहा गया है कि रामल्लाह स्थित फिलिस्तीनी अथॉरिटी को फिर से गठित किया जाएगा और इसके बाद फिलिस्तीनियों के आत्म-निर्णय और स्वतंत्र फिलिस्तीनी राष्ट्र के लिए एक भरोसेमंद रास्ता तैयार हो सकता है.

ट्रंप का प्रस्तावित समझौता अगर पूरी तरह लागू हो जाता है यह अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए महत्वपूर्ण विदेश नीति कामयाबी मानी जाएगी. ट्रंप ने अपने चुनावी कैंपेन में वादा किया था कि वो दुनिया में चल रहे बड़े युद्धों को खत्म कराएंगे. इस दिशा में वो आगे बढ़ भी रहे हैं लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा है.

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इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप प्लान की सराहना करते हुए एक बयान में कहा, 'योजना के पहले चरण की मंजूरी के साथ, हमारे सभी बंधक घर लौट आएंगे. यह एक कूटनीतिक सफलता और इजरायल के लिए राष्ट्रीय और नैतिक विजय है.'

क्या पूरी तरह लागू हो पाएगा ट्रंप का गाजा पीस प्लान?

ट्रंप के गाजा प्लान की भारत, इजरायल, पाकिस्तान  समेत कई देशों ने तारीफ की लेकिन इसे पूरी तरह लागू करने को लेकर कई चुनौतियां हैं. समझौते में हमास के निरस्त्रीकरण की बात तो है लेकिन इसके लिए स्पष्ट प्लानिंग का अभाव है.

कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की ये योजना फिलिस्तीनी संप्रभुता को सीमित कर सकती है, क्योंकि इसमें अंतरराष्ट्रीय निगरानी प्रशासन की स्थापना की बात की गई है. 

समझौते के पहले चरण में ही संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई की बात की गई है, लेकिन स्थायी शांति के लिए व्यापक राजनीतिक समाधान की जरूरत होगी. 

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