पाकिस्तान में एक 17 साल की महिला क्रिकेटर संदिग्ध हालत में मृत पाई गई. उसने कुछ दिन पहले मुल्तान क्रिकेट क्लब के मैनेजमेंट पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. परिजनों का कहना है कि उसने आत्महत्या की है.
मुल्तान क्रिकेट क्लब के प्रबंधन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली युवा महिला क्रिकेटर हलीमा रफीक की अपने शहर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. हलीमा रफीक के पिता ने मुल्तान में पत्रकारों से कहा कि उनकी बेटी की मौत के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) जिम्मेदार है.
आरोपी ने किया था दो करोड़ का मुकदमा
उसके पिता मोहम्मद रफीक ने कहा, बोर्ड ने मुल्तान क्रिकेट क्लब के अधिकारियों के
खिलाफ उसकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया जो महिला क्रिकेटरों का यौन उत्पीड़न
करते हैं. आरोपियों में से एक मौलवी सुल्तान आलम ने उसके खिलाफ दो करोड़ रुपये
का मानहानि का मुकदमा दायर किया जिसके बाद वह काफी तनाव में थी. हलीमा और
चार अन्य क्रिकेटरों ने जून 2013 में मौलवी सुल्तान और मुल्तान क्रिकेट के चार अन्य
अधिकारियों पर ट्रेनिंग कैंप के दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
जल्दबाजी में हुई मामले की जांच!
पीसीबी महिला शाखा ने इसके बाद कथित तौर पर जल्दबाजी में जांच की और इन
गंभीर आरोपों को खारिज कर दिया. ज्यादाकतर का मानना था कि महिला शाखा को
लाहौर में केवल दो दिन सुनवाई करने के बजाय विस्तृत जांच करनी चाहिए थी. अपने
कमरे में मृत पाई गई हलीमा को मुल्तान क्षेत्र की प्रतिभाशाली क्रिकेटर माना जाता था.
वह तेज गेंदबाज थी. रिश्तेदारों ने कहा कि उसने रोजा रखा और इस दौरान उसने
एसिड पी लिया जिसके चलते उसकी मौत हो गई.
पीसीबी सूत्रों के मुताबिक, जब जांच हुई थी तो हलीमा समिति के सामने उपस्थित नहीं हुई थी. हालांकि आरोप लगाने वाली बाकी तीन लड़कियां उपस्थित हुई थी. उन्होंने यौन उत्पीड़न और मारपीट के आरोपों से इनकार कर दिया था. जांच समिति ने सभी क्रिकेटरों पर 23 अक्तूबर 2013 से 6 महीने का प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी.