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मलाला युसूफजई को PAK तालिबानी हमलावर की धमकी- इस बार गलती नहीं होगी

नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई को एक बार फिर तालिबान ने जान से मारने की धमकी दी है. खास बात है कि यह धमकी उसी आतंकी ने दी है, जिसने 9 साल पहले मलाला को गोली मारी थी.

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नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजई (फाइल फोटो-PTI)
नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजई (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 9 साल पहले हमला करने वाले आतंकी ने दी धमकी
  • जनवरी 2020 में जेल से भाग गया था आतंकी एहसान

नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई को एक बार फिर तालिबान ने जान से मारने की धमकी दी है. खास बात है कि यह धमकी उसी आतंकी ने दी है, जिसने 9 साल पहले मलाला को गोली मारी थी. तालिबानी आतंकी ने ट्विटर पर लिखा, 'इस बार गलती नहीं होगी.' इसके बाद ट्विटर ने आतंकी का अकाउंट ब्लॉक कर दिया है.

धमकी मिलने के बाद मलाला यूसुफजई ने ट्वीट करके पाकिस्तान सेना और प्रधानमंत्री इमरान खान से पूछा कि उन पर हमला करने वाला एहसानुल्ला एहसान कैसे सरकारी हिरासत से भाग गया. दरअसल, एहसान को 2017 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जनवरी 2020 में वह सेफ हाऊस से भाग गया, जहां उसे पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ने रखा था.

भागने के बाद एहसानुल्ला एहसान ने ट्विटर के जरिए पत्रकारों से बात की. इसी दौरान उसने मलाला युसूफजई को धमकी दी. इस धमकी के बाद पाकिस्तान सरकार हरकत में आ गई. प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार रावोफ हसन ने कहा कि सरकार खतरे की जांच कर रही है और ट्विटर से तुरंत इस अकांउट को बंद करने के लिए कहा था.

पाकिस्तानी तालिबान या तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकी एहसानुल्ला एहसान ने मलाला युसूफजई को वापस घर लौटने के लिए कहा. एहसान ने कहा, 'तुम और तुम्हारे पिता लौट आओ, क्योंकि तुमसे बदलना लेना है, इस बार कोई गलती नहीं होगी.' गौरतलब है कि मलाला युसूफजई ने लड़कियों की शिक्षा को लेकर मुहिम चलाई थी, जिससे तालिबान नाराज है.

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धमकी मिलने के बाद नोबल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने कहा, 'यह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का पूर्व प्रवक्ता है, जो मुझ पर और कई निर्दोष लोगों पर हमले का दावा करता है. वह अब सोशल मीडिया पर लोगों को धमकी दे रहा है, सवाल है कि आखिर वह कैसे हिरासत से भाग गया?'

मलाला युसूफजई पर हमले के अलावा तालिबानी आतंकी एहसान पर पाकिस्तानी सेना के पब्लिक स्कूल पर 2014 में आतंकी हमले का आरोप है, जिसमें 134 बच्चे मारे गए थे. एहसान ने 2012 में स्वात घाटी में मलाला पर फायरिंग की थी. उस वक्त मलाला 15 साल की थी और तालीबान लड़कियों की शिक्षा के अभियान से नाराज था.

 

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