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'अमीरों से निकाह कराने की बात कह 130 महिलाओं को बेचा', तालिबान ने किया अरेस्ट

तालिबान ने उत्तरी अफगानिस्तान में एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जिस पर दर्जनों महिलाओं को बेचने का आरोप है. इस शख्स पर आरोप है कि इसने कई महिलाओं को शादी का झांसा दिया और फिर उन्हें बेच दिया. तालिबान के प्रांतीय पुलिस प्रमुख दामुल्ला सेराज ने रिपोर्टर्स के साथ बातचीत में कहा कि इस शख्स को बीते सोमवार देर रात उत्तरी जज्जान प्रांत से गिरफ्तार किया गया है. 

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अफगानिस्तान में प्रोटेस्ट करती महिलाएं, फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स
अफगानिस्तान में प्रोटेस्ट करती महिलाएं, फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तालिबान राज में अफगानी लोगों के बद से बदतर होते हालात
  • महिलाओं को झांसा देकर अपना शिकार बनाता था ये शख्स

तालिबान ने उत्तरी अफगानिस्तान में एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जिस पर दर्जनों महिलाओं को बेचने का आरोप है. इस शख्स पर आरोप है कि इसने कई महिलाओं को शादी का झांसा दिया और फिर उन्हें बेच दिया. तालिबान के प्रांतीय पुलिस प्रमुख दामुल्ला सेराज ने रिपोर्टर्स के साथ बातचीत में कहा कि इस शख्स को बीते सोमवार देर रात उत्तरी जज्जान प्रांत से गिरफ्तार किया गया है. 

पुलिस ने इस मामले में कहा कि हम अभी भी जांच के अपने प्रारंभिक चरण में हैं. हम इस केस की जांच कर रहे हैं. उम्मीद है कि हमें इस केस को लेकर कई तरह की जानकारियां हासिल होंगी. जज्जान प्रांत में जिला पुलिस चीफ मोहम्मद सरदार मुबारिज ने एएफपी के साथ बातचीत में बताया कि ये शख्स उन महिलाओं को अपना निशाना बनाता था जो अपने आर्थिक हालातों को सुधारने और घर बसाने के लिए शादी करना चाहती हैं. ये शख्स इन महिलाओं को आश्वासन देता था कि वो उनका निकाह किसी अमीर शख्स से कराएगा. इसके बाद वो उन्हें दूसरे प्रांत में ले जाकर बेच देता था. इस शख्स पर आरोप है कि उसने इस तरीके से करीब 130 महिलाओं की तस्करी की है. 

अफगानिस्तान से भाग निकलने की कोशिशों में जुटे हैं कई लोग

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बता दें कि अफगानिस्तान में अपराध, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है लेकिन बढ़ती गरीबी के चलते अफगानिस्तान के हालात बेहद खराब हुए हैं. तालिबान सरकार को तीन महीने पूरे हो चुके हैं और इस संगठन का मुख्य फोकस बड़े शहरों में क्राइम और किडनैपिंग को कम करने पर लगा हुआ है. अफगानिस्तान के हालातों को देखते हुए कई लोग यहां से भागने की फिराक में भी लगे हुए हैं. हाल ही में तालिबान के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि पासपोर्ट विभाग के सदस्यों सहित 60 लोगों को पासपोर्ट हासिल करने के लिए जाली दस्तावेज बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. मंत्रालय ने ये भी कहा था कि वे काबुल में पासपोर्ट कार्यालय को अस्थायी रूप से बंद कर रहे हैं.

गौरतलब है कि अफगानिस्तान की आर्थिक हालत तालिबान के कब्जे से पहले भी अच्छे नहीं थे. लगातार कई साल तक सूखे और पिछले साल कोरोना की महामारी ने अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को बड़ी चोट पहुंचाई है. तालिबान के राज में यहां के हालात बद से बदतर हुए हैं. तालिबान के राज के बाद से वर्ल्ड बैंक, इंटरनेशनल मोनिटेरी फंड और यूएस सेंट्रल बैंक ने अफगानिस्तान के इंटरनेशनल फंड के एक्सेस को खत्म कर दिया है. इसके चलते इस देश में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और अफगानिस्तान में कई गरीब लोग भुखमरी के चलते अपने बच्चों तक को बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं. 

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