पाकिस्तानी तालिबान ने चैम्पियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बारे में अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि जो लोग मारे गए उग्रवादियों को शहीद मानने के खिलाफ हैं, वे ठीक उसी तरह के लोग हैं जो तेंदुलकर की इसलिये तारीफ नहीं करना चाहते क्योंकि वह भारतीय है.
वीडियो शेयरिंग वेबसाइट पर जारी क्लिप में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रवक्ता शहीदुल्लाह शाहिद ने यह बयान दिया. वह मारे गए कमांडर हकीमुल्लाह महसूद को शहीद बताने वाले जमात-ए-इस्लाम के प्रमुख मुनव्वर हसन के बयान की आलोचना का जवाब दे रहा था.
शाहिद के बयान को मीडिया ने तेंदुलकर की तारीफ का विरोध मान लिया था. (पढ़ें क्या है पूरा मामला)
उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग कह सकते हैं कि तेंदुलकर भले ही बहुत अच्छा खिलाड़ी है लेकिन उसकी तारीफ मत करो क्योंकि यह पाकिस्तान के नागरिक को शोभा नहीं देता. ये लोग कहेंगे कि मिसबाह भले ही कितना भी खराब खिलाड़ी हो लेकिन उसकी तारीफ करो क्योंकि वह पाकिस्तानी है.’ शाहिद ने कहा, ‘मुनव्वर हसन की आलोचना करने वाले भी इसी तरह का बर्ताव कर रहे हैं.’
शाहिद ने साफ तौर पर कहा कि मुनव्वर के बयान पर विवाद को लेकर मीडिया की कवरेज का जिक्र करते हुए उन्होंने तेंदुलकर की मिसाल दी थी. महसूद एक नवंबर को अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था. उसने कहा कि अमेरिका के लिये लड़ने वाले पाकिस्तानी फौजियों को शहीद कहा जाता है जबकि इस्लाम के लिये लड़ने वाले तालिबानियों को नहीं.
पाकिस्तानी मीडिया ने तेंदुलकर के विदाई भाषण का सीधा प्रसारण किया. अखबारों ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि उनकी कमी क्रिकेट को बुरी तरह खलेगी.
उर्दू दैनिक इंसाफ ने लिखा कि तेंदुलकर जैसे क्रिकेटर रोज पैदा नहीं होते. सभी उनसे बेपनाह मुहब्बत करते हैं और उनकी इज्जत करते हैं. वहीं एक्सप्रेस ट्रिब्यून और डेली टाइम्स ने उन्हें मुकम्मल बल्लेबाज बताया.
गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर ने 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ ही अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी.