सीरिया के विदेश मंत्री डॉ. फैसल मेकदाद पांच दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली पहुंचे और अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से कई अहम मामलों पर बातचीत की. भारत दौरे पर सीरिया के विदेश मंत्री ने अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट WION को इंटरव्यू देते हुए भारत की जमकर तारीफ की. डॉ. फैसल ने कहा कि जब साल 2013, 2014 और 2015 में सीरिया की राजधानी दमास्कस में लगातार आतंकी हमले हो रहे थे तो सिर्फ भारतीय दूतावास ही ऐसा था, जिसमें सभी काम सामान्य दिनों की तरह जारी थे.
सीरिया के विदेश मंत्री ने कहा कि दिल्ली से दमास्कस की फ्लाइट से दूरी सिर्फ चार घंटे की है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों कितने पास हैं. ऐसे में जो सीरिया के लिए खतरनाक है, वही भारत के लिए भी है. डॉ. फैसल ने कहा कि भारत और सीरिया, दोनों ही धर्मनिरपेक्ष देश हैं. दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास करते हैं.
सीरिया के विदेश मंत्री ने आगे कहा कि, ''हम यह समझते हैं कि नागरिकों और लोकतंत्र की बुनियाद पर बने मजबूत संबंध सदियों तक टिके रहते हैं. सीरिया के लोगों के मन में भारतीयों के लिए काफी सम्मान है. और जहां मैं जाता हूं, वहां भारतीय भी हमारा सम्मान करते हैं.''
भारत को यूएनएसी का स्थायी सदस्य बनाना चाहिए
सीरिया के विदेश मंत्री ने आगे कहा कि, ''हमें आतंकवाद के खिलाफ जंग मजबूत करनी होगी. साथ ही बहुध्रुवीय दुनिया के निर्माण के लिए भी कोशिशें तेज करनी होंगी. हमारा मानना है कि भारत को यूएनएसी(संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा संघ) का स्थायी सदस्य बनाया जाना चाहिए. दुनिया में भारत का जो मानवीय योगदान है, हम उसकी सराहना करते हैं.''
सीरियाई विदेश मंत्री डॉ. फैसल ने कहा कि, दो साल पहले जब सीरिया के पास खाने के लिए कुछ नहीं था, जब भारत की ओर से आधा टन से ज्यादा चावल सीरिया भेजा गया था. दोनों पड़ोसी देशों के बीच इस तरह का रिश्ता है.
आने वाले दिनों में भारतीय और सीरियाई नेताओं की दोनों देशों की यात्राओं के सवाल पर विदेश मंत्री डॉ. फैसल ने कहा कि, ''अगर ऐसा हो भी जाए तो चौंकिएगा मत. आज मैं यहां हूं, कल मुझे नहीं पता कौन सीरिया में होगा. दोनों देशों में इस बात पर सहमति है कि यह यात्राएं सांस्कृतिक, आर्थिक सहयोग, संयुक्त राष्ट्र में सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ मुद्दों पर आधारित होंगी.''
ट्वीट पर क्लिक कर देखिए विदेश मंत्री एस जयशंकर और डॉ. फैसल की मुलाकात की तस्वीरें
A detailed discussion with Foreign Minister Dr. Faisal Mekdad of Syria this evening on bilateral relations and the regional situation.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 18, 2022
Assured him of continued humanitarian support from India, especially in regard to medicines and artificial limbs. pic.twitter.com/me9vN1D61K
सीरिया एक एशियाई देश है और एशिया का दिल भारत है
सीरिया के विदेश मंत्री ने कहा कि, "हम एक एशियाई देश हैं, आप हमें पश्चिमी एशियाई बुला सकते हैं, लेकिन भारत एशिया का हार्ट है. पश्चिमी हिस्सा बिना दिल के काम नहीं कर सकता है. हम साथ हैं और आर्थिक सहयोग को बढ़ाने पर दोनों देशों की सहमति है. आतंकवाद की वजह से सीरिया में मची तबाही के बाद उसे एक बार फिर खड़ा करने में हमें भारत का काफी समर्थन मिल रहा है.''
विदेश मंत्री डॉ. फैसल ने कहा कि सीरिया की शिक्षा व्यवस्था को एक बार फिर बनाने और तहस-नहस हो चुके स्कूलों के पुननिर्माण के लिए भारत की ओर से स्कॉलरशिप दी जा रही हैं. डॉ. फैसल ने कहा कि भारत और सीरिया, दोनों ही एक तरह के मूल्यों और आदर्शों में विश्वास करते हैं.
सीरिया में पावर और स्टील प्लांट बनाने के लिए भारत की ओर से 280 मिलियन डॉलर की पेशकश के सवाल पर सीरिया के विदेश मंत्री ने कहा कि, ''आप जानते हैं कि एक समय पर पश्चिमी ताकतों के लिए मानवता का कोई मतलब नहीं था. लेकिन भारत की विदेश नीति में हमें मानवता को खास जगह दी गई है, और वह सिर्फ सीरिया ही नहीं बल्कि उन सभी देशों के लिए है, जो अलग-अलग हालात से जूझ रहे हैं.''
सीरिया के मुश्किल समय में भारत ने हमेशा मदद की है
विदेश मंत्री ने कहा कि, ''मैं उन देशों का नाम नहीं लूंगा, जिनकी भारत मदद कर रहा है, लेकिन मैं यह जरूर बता सकता हूं कि सीरिया के मुश्किल समय में भी भारत ने हर संभव प्रयास किए हैं. और साथ ही दोनों देश अपने सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को लेकर लगातार आगे बढ़ते रहे हैं.''
पश्चिमी एशियाई क्षेत्र में भारत की भूमिका को लेकर विदेश मंत्री डॉ. फैसल ने कहा कि, भारत ने अपना राजनीतिक पक्ष हमेशा साफ रखा है. भारत ना सिर्फ यूएनएससी बल्कि यूएन की कई संस्थाओं का हिस्सा भी है. विदेश मंत्री ने आगे कहा कि जब भी किसी देश के लोगों की आजादी, लोकतंत्र या स्वतंत्रता पर सवाल आता है तो भारत मदद करने से कभी पीछे नहीं हटता है.
यूक्रेन से युद्ध में रूस के साथ क्यों है सीरिया?
रूस और यूक्रेन युद्ध में रूस का पक्ष रखने को लेकर सीरिया के विदेश मंत्री ने कहा कि, ''हम इस जंग में रूस की तरफ हैं. पहले, सोवियत यूनियन के गिरने के बाद पश्चिम ने कई देशों पर कब्जा कर लिया. जब नाटो इससे भी संतुष्ट नहीं हुआ तो वह अब रूस को भी तबाह करना चाहते हैं. रूस जो कर रहा है, उसकी वकालत के लिए यह बताना काफी है.
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि पिछले 70 सालों से इजरायल हमारी सीमाओं पर कब्जा कर रहा है, और इसके लिए उसे पश्चिम का लगातार समर्थन भी मिल रहा है. डॉ. फैसल ने कहा कि जब वे शांतिपूर्ण समझौते के लिए मदद ही नहीं कर रहे हैं, तो हमें कैसे भरोसा हो पाएगा कि वह हमारे साथ दोहरेपन वाली नीति अपना रहे हैं.
डॉ. फैसल ने आगे कहा कि पश्चिम वैसे तो रूस के खिलाफ है लेकिन इजरायल में वह रूस के साथ है. डॉ. फैसल ने आगे कहा कि इसलिए ही अंतराष्ट्रीय हालातों के विश्लेषण में हमें तार्किक रहना चाहिए.