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कोरोना: तीसरी लहर का खतरा, सिंगापुर ने दी 12 से 15 साल के बच्चों को कोरोना वैक्सीन को मंजूरी

सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बुधवार से 40 से 44 साल के लोगों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम का विस्तार किया जा रहा है, वहीं पहले और दूसरे शॉट्स के बीच के अंतराल को भी बढ़ाया जाएगा.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सिंगापुर में बच्चों में बढ़ रहे कोरोना केस
  • 12 से 15 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन की मंजूरी

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सिंगापुर ने 12 से 15 साल के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. सिंगापुर ने 12 से 15 साल के बच्चों के लिए फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को इजाजत दी है. 

सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बुधवार से 40 से 44 साल के लोगों के लिए  टीकाकरण कार्यक्रम का विस्तार किया जा रहा है, वहीं पहले और दूसरे शॉट्स के बीच के अंतराल को भी बढ़ाया जाएगा.

सिंगापुर के स्वास्थ्य विज्ञान प्राधिकरण ने आपातकालीन चिकित्सीय उत्पादों के लिए 12 से 15 वर्ष के बच्चों के लिए फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन के उपयोग को अधिकृत किया. पहले, केवल 16 और उससे ऊपर के लोगों को शॉट प्राप्त करने की अनुमति थी. मॉडर्ना द्वारा विकसित टीका केवल 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों को दिया जाता है.

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कोविड टीकों पर देश की विशेषज्ञ समिति ने एचएसए द्वारा अंतरिम प्राधिकरण का समर्थन करने से पहले टीके की सुरक्षा, प्रभावकारिता और सहनशीलता का आकलन किया. मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 'आंकड़ों से पता चला है कि फाइजर-बायोएनटेक कोविड​​​​-19 वैक्सीन ने वयस्क आबादी में देखी गई उच्च प्रभावकारिता का प्रदर्शन किया है.'

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क्या बोले भारतीय हेल्थ एक्सपर्ट्स?

भारतीय हेल्थ एक्सर्पट्स का कहना है कि ज्यादातर बच्चे जो कोविड- 19 से प्रभावित हैं, उनमें सामान्य रूप से हल्का बुखार, खांसी, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत, थकान, गले में खराश, दस्त, खाने में स्वाद ना आना, सूंघने की क्षमता कम होना, मांसपेशियों में दर्द होना और लगातार नाक के बहने जैसे लक्षण शामिल हैं. कुछ बच्चों में पेट और आंतों से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ कुछ असामान्य लक्षण भी देखे गए हैं. 

रिसर्च के मुताबिक, बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम नामक एक नया सिंड्रोम भी देखने को मिला है. बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के सामान्य लक्षण जैसे लगातार बुखार आना, उल्टी, पेट में दर्द, त्वचा पर चकत्ते, थकान, धड़कनों का तेज होना, आंखों में लालपन, होंठो पर सूजन, हाथों और पैरों में सूजन, सिरदर्द, शरीर के किसी हिस्से में गांठ बनना शामिल हैं. 
 


 

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