स्कॉटलैंड के ब्रिटेन में रहने या स्वतंत्र देश बनने के लिए हो रहे जनमत संग्रह के लिए वोटिंग शुरू हो गई है. स्कॉटलैंड के 42 लाख लोग फैसला करेंगे कि वे इंग्लैंड के साथ अपना 300 साल पुराना रिश्ता कायम रखें या उस खत्म कर दें.
मतदाताओं को जो पर्ची दी जा रही है, उस पर लिखा है, 'क्या स्कॉटलैंड को एक स्वतंत्र देश होना चाहिए?' मतदाताओं को 'हां' और 'ना' में से अपना मत देना है. विश्लेषकों ने ऐतिहासिक मतदान होने की उम्मीद जताई है. मतदान के लिए पूरे देश में 2608 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां मतदाता गुरुवार स्थानीय समयानुसार रात 10 बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. शुक्रवार सुबह तक नतीजे आ सकते हैं. ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने लोगों से ब्रिटेन के साथ रहने के पक्ष में वोट किया है.
On Thursday, Scotland votes - and the future of the UK is at stake. Please help
keep our family of nations together: https://t.co/j0JkdjiK7f
— David Cameron
(@David_Cameron) September 15,
2014
ब्रिटेन के नेता और मीडिया इस बात पर विश्लेषण कर रहे हैं कि अगर स्कॉटलैंड के लोग ब्रिटेन से 300 साल से ज्यादा पुराना रिश्ता खत्म करने के पक्ष में मतदान किया तो क्या स्थिति बनेगी. दोनों तरफ के नेताओं ने स्कॉटिश जनता में भरोसा जताया है लेकिन जनमत संग्रह के नतीजे को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. अगर स्कॉटलैंड ब्रिटेन से अलग होने के पक्ष में मतदान करता है तो प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को नुकसान उठाना पड़ेगा. 'द इंडिपेंडेंट' के मुताबिक, कंजरवेटिव पार्टी के कुछ सांसदों का मानना है कि कैमरन को अपना पद भी छोड़ना पड़ सकता है. कहा जा रहा है कि स्कॉटलैंड के ब्रिटेन से अलग होने के विरोध में मतदान होने पर भी लेबर पार्टी के लिए समस्याएं खड़ी हो सकती हैं. कुल मिलाकर, इस जनमत संग्रह के बाद ब्रिटेन की राजनीति में उथल-पुथल होने की संभावना है.
एक सर्वे के मुताबिक, हाल के समय में आजादी के पक्षधरों की संख्या बढ़ी है लेकिन फिर भी विरोधियों की तादाद अभी भी ज्यादा है. स्कॉट्समैन समाचार पत्र के अनुसार ना करने वालों की तादाद 45 प्रतिशत है जबकि हां कहने वालों की 41 प्रतिशत जबकि 14 प्रतिशत लोग पसोपेश में हैं.