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Russia-Ukraine War: कीव से हटाया गया कर्फ्यू, फंसे लोगों को ट्रेन से सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचने की सलाह

यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों में गुरुवार सुबह से धमाके सुनाई दिए तो मालूम हुआ कि रूस ने हमला शुरू कर दिया है. तब से अब तक देश की तस्वीर ही बदल गई है. अब रूस के हमले से जूझ रहे यूक्रेन के कीव में फंसे लोगों के लिए राहत की खबर है. यहां कर्फ्यू को हटा दिया गया है. ऐसे में वहां फंसे भारतीय छात्र अब रेलवे स्टेशन पर जाकर शहर से निकल सकते हैं.

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यूक्रेन
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • कीव में नहीं थम रहे धमाके
  • कीव में अब भी फंसे हैं भारतीय छात्र

रूस के हमले से जूझ रहे यूक्रेन के कीव में फंसे लोगों के लिए राहत की खबर है. दरअसल, यहां कर्फ्यू को हटा दिया गया है. ऐसे में वहां फंसे भारतीय छात्र अब रेलवे स्टेशन पर जाकर शहर से निकल सकते हैं. सभी छात्रों को पश्चिमी भागों की यात्रा के लिए रेलवे स्टेशन जाने की सलाह दी गई है. बता दें कि यूक्रेन रेलवे निकासी के लिए विशेष ट्रेनें चला रहा है. कर्फ्यू हटने के बाद से पूरे 2 दिन के बाद टैक्सियां भी चल रही हैं और कीव में लोगों का मूवमेंट शुरू हो गया है. 

7 किलोमीटर तक पैदल चलकर स्टेशन पहुंचे छात्र

कर्फ्यू खुलने के बाद स्टेशन पहुंचे आज तक संवाददाता गौरव सावंत ने यहां भारतीय छात्रों से बातचीत की. इन छात्रों ने बताया कि ट्रेन पकड़ने के लिए वे लगभग 7 किलोमीटर तक पैदल चलकर आए हैं. सावंत ने बताया कि भारतीय होने पर यहां काफी राहत है क्योंकि देखा जा रहा है कि अन्य देशों को पत्रकारों को भी पकड़ा जा रहा है जबकि भारत के लोगों के साथ ऐसा नहीं है.

गौरतलब है कि बीते सप्ताह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सैन्य कार्रवाई के आदेश के बाद से यूक्रेन की राजधानी कीव समेत अन्य शहरों में लगातार धमाकों की आवाज सुनी जा रही है. हर जगह डर का माहौल है.

यूक्रेन और रूसी अधिकारियों की बैठक तय

देश के कई इलाकों में उत्पात मचाने के बाद रूस के सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव के पास पहुंच गए हैं. ऐसे में यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय ने पुष्टि की है कि एक प्रतिनिधिमंडल रूसी अधिकारियों से मुलाकात करेगा. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के कार्यालय ने टेलीग्राम ऐप पर कहा कि दोनों पक्ष बेलारूस की सीमा पर एक अनिर्दिष्ट स्थान पर मुलाकात करेंगे. ये बैठक भारतीय समय के अनुसार दोपहर 3.30 बजे होनी है.

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फंसे भारतीय छात्रों को निकालने की रणनीति

बता दें कि यूक्रेन से पहले ही भारत सरकार द्वारा बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों को निकाला जा चुका है. यूक्रेन में अब भी फंसे बाकी के भारतीय छात्रों को निकालने के लिए मोदी सरकार ने नई रणनीति बनाई है. इसके तहत चार मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा जाएगा. फिर ये मंत्री यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों से बातचीत और उनको निकालने के प्रबंध कराएंगे.

सूत्रों के मुताबिक, इनको भारत का 'विशेष दूत' बनाकर भेजा जाएगा. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन संकट पर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इसमें यह फैसला हुआ कि चार मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा जाएगा. इस मीटिंग में विदेश मंत्री एस जयशंकर, कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल भी शामिल थे.

इधर आज ही भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पोलैंड में प्रवेश के लिए शेहिनी में फंसे भारतीयों को अन्य जगहों पर ले जाने के लिए बस सेवा शुरू की गई है.

सप्ताह भर से यूक्रेन में जारी उत्पात

बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पिछले सोमवार को यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों लुहान्सक और दोनेत्स्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी. इन दोनों ही क्षेत्रों में रूस समर्थित अलगाववादियों का नियंत्रण है. पुतिन ने इसके बाद कई अहम दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए. उनके आदेश के मुताबिक, अब रूसी सेनाएं यूक्रेन के इन अलगाववादी क्षेत्रों में घुसकर शांति कायम करने का काम करेंगी. रूस के इस फैसले से यूक्रेन-रूस के बीच तनाव बढ़ा और अब युद्ध की स्थिति आ गई है.

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