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Russia- Ukraine War: सूमी के हॉस्टल में अब भी फंसे हैं 600 भारतीय छात्र, मोदी सरकार से मांगी मदद

यूक्रेन में छिड़े युद्ध में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए भारत सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है और कई छात्रों को निकाला भी जा चुका है. इस बीच खबर है कि 600 भारतीय छात्र अब भी सूमी के एक हॉस्टल में फंसे हुए हैं.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • फंसे हैं 600 भारतीय छात्र
  • छात्रों ने मोदी सरकार से मांगी मदद

यूक्रेन में रूसी हमले के बाद छिड़े युद्ध को आज 8 दिन हो गए हैं. भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा के तहत वहां से बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों को निकाल लिया है. लेकिन देश के सूमी में कुछ छात्र अभी भी हॉस्टल में फंसे हुए हैं. इन छात्रों में इंडिया टुडे से बातचीत में बताया कि वे सरकार की ओर से मदद के इंतजार में हैं. इनमें से एक छात्र रवि राज पटेल ने बताया कि उनके हॉस्टल में लगभग 600 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं जो वापस भारत जाना चाहते हैं. 

पटेल ने बताया कि भारतीय दूतावास से मदद के लिए बात की थी तो उन्हें स्थिर रहने को कहा गया. उनसे कहा गया कि बाहर निकलना अभी सुरक्षित नहीं है. छात्र ने बताया कि सूमी रेलवे स्टेशन डेस्ट्रॉय हो चुका है और निकलने का रास्ता नहीं है.

हालांकि खाने-पानी की सुविधा को लेकर पटेल ने बताया कि लोकल अथोरिटी से उन्हें मदद मिली है. कुछ एनजीओ हैं जो उन तक खाना पानी पहुंचा रहे हैं. छात्रों ने कहा कि हम पीएम मोदी और भारत सरकार से यही कहना चाहते हैं कि किसी तरह हमें यहां से निकालें.

गौरतलब है, कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पिछले सप्ताह सोमवार को यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों लुहान्सक और दोनेत्स्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी. इन दोनों ही क्षेत्रों में रूस समर्थित अलगाववादियों का नियंत्रण है. पुतिन ने इसके बाद कई अहम दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए. उनके आदेश के मुताबिक, अब रूसी सेनाएं यूक्रेन के इन अलगाववादी क्षेत्रों में घुसकर शांति कायम करने का काम करेंगी. रूस के इस फैसले से यूक्रेन-रूस के बीच जंग छिड़ गई.

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