रूस ने यूक्रेन पर एक बार फिर बड़ा हमला बोला, जिसमें 51 मिसाइलें और 653 ड्रोन दागे गए. यूक्रेन सशस्त्र बल दिवस के दौरान हुए इस हमले की पुष्टि करते हुए शनिवार को सरकारी अधिकारियों ने कहा कि देशभर में व्यापक तबाही और कई इलाकों में घायलों की जानकारी मिली है.
यूक्रेन वायुसेना ने दावा किया कि 30 मिसाइलें और 585 ड्रोन मार गिराए गए, लेकिन 29 स्थानों पर हमला हुआ, जिनमें ऊर्जा ढांचा सबसे बड़ा निशाना रहा.
राष्ट्रीय ऊर्जा ऑपरेटर उक्रेनेर्गो के अनुसार, हमलों का बड़ा लक्ष्य बिजली घर और ऊर्जा अवसंरचना रही, ताकि सर्दियों की शुरुआत में यूक्रेन की बिजली व्यवस्था को अस्थिर किया जा सके. यूक्रेन और पश्चिमी देशों का आरोप है कि रूस पिछले चार वर्षों से लगातार सर्दियों को हथियार बनाकर हीटिंग, पानी और बिजली व्यवस्था को निशाना बना रहा है.
जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र पर बड़ा खतरा
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने बताया कि हमले के दौरान जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र की बाहरी बिजली आपूर्ति अस्थायी रूप से बंद हो गई. हालांकि संयंत्र के रिएक्टर बंद हैं, फिर भी ईंधन को ठंडा रखने के लिए स्थायी बिजली की आवश्यकता रहती है.
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसी स्थिति परमाणु दुर्घटना का जोखिम बढ़ाती है. यह संयंत्र अभी भी रूस के कब्जे में है.
देशभर में कम से कम 8 घायल, कीव में तीन
यूक्रेन के आंतरिक मंत्री इहोर क्लाइमेनको के अनुसार, देशभर में कम से कम आठ लोग घायल हुए हैं. कीव क्षेत्र में तीन लोगों के जख्मी होने की पुष्टि हुई. ड्रोन हमलों की रेंज इतनी व्यापक थी कि पश्चिमी सीमा के पास स्थित ल्वीव क्षेत्र में भी ड्रोन दिखाई पड़े.
यूक्रेन का रूस पर जवाबी हमला
रूस ने दावा किया कि उसने 116 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए. वहीं, यूक्रेन सेना ने बताया कि उसने रूस के रियाज़ान ऑयल रिफाइनरी पर हमला किया. रूस के क्षेत्रीय अधिकारियों ने भी हमले की पुष्टि की, लेकिन रिफाइनरी को हुए नुकसान पर चुप्पी बरती. दरअसल, यूक्रेन हाल के महीनों में रूसी तेल रिफाइनरियों पर दूरगामी ड्रोन हमले तेज कर चुका है, ताकि रूस की तेल आमदनी को चोट पहुंचाई जा सके.
गौरतलब है कि हमलों के बीच, अमेरिका के फ्लोरिडा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकारों और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता जारी है. ये वार्ता युद्धोत्तर सुरक्षा ढांचे पर संभावित समझौते की दिशा में की जा रही हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि देश वास्तविक शांति हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है. लेकिन दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि किसी भी समाधान की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि रूस दीर्घकालिक शांति के लिए गंभीर प्रतिबद्धता दिखाए या नहीं.
इस बीच सोमवार को लंदन में यूके, फ्रांस और जर्मनी के नेता जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे. यह बैठक युद्ध के संभावित समाधान और सुरक्षा संरचना पर केंद्रित होगी.