अमेरिका में फरार गैंगस्टर अमित शर्मा उर्फ जैक पंडित को गिरफ्तार किया गया है. राजस्थान एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने उसकी गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि अमित शर्मा को अमेरिकी एजेंसियों ने AGTF और सीबीआई की इंटरपोल शाखा के साझा इनपुट्स के आधार पर डिटेन किया. इंटरपोल के जरिए जारी रेड कॉर्नर नोटिस के बाद यह कार्रवाई संभव हुई.
ADG (क्राइम/AGTF) दिनेश एम.एन ने बताया कि अमित शर्मा रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ सिंडिकेट का अहम सदस्य था और विदेश से गिरोह की वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों को संचालित कर रहा था. वह विदेशों से वसूली की रकम उठाकर भारत में सक्रिय गिरोह के सदस्यों तक पहुंचाने का काम करता था.
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अधिकारी के अनुसार, "अमित शर्मा फरार गैंग के सदस्यों को विदेशों में शरण, फंडिंग और फर्जी दस्तावेज मुहैया कराने में भी प्रमुख भूमिका निभा रहा था." अमित शर्मा मूल रूप से राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले का निवासी है और उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. देश से भागने के बाद वह पहले दुबई, फिर स्पेन और आखिर में अमेरिका पहुंच गया था.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग की फंडिंग भी करता था
AGTF ने श्रीगंगानगर पुलिस की मदद से अमित शर्मा की गतिविधियों और नेटवर्क पर विस्तृत खुफिया जानकारी जुटाई. शुरुआती जांच में पता चला कि वह लंबे समय तक लॉरेंस बिश्नोई गैंग की फंडिंग करता रहा था, बाद में उसने रोहित गोदारा–गोल्डी बराड़ गुट का साथ पकड़ लिया.
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हथियारों की खरीद-फरोख्त करता था अमित शर्मा
अमित शर्मा की जिम्मेदारियों में हथियारों की खरीद, ड्रग तस्करी में सहयोग और हवाला के जरिए गिरोह की फंडिंग शामिल थी. बताया गया कि शर्मा कई नामों से परिचित था, जिनमें सुल्तान, डॉक्टर, पंडितजी और अर्पित शामिल हैं और वह हमेशा लो प्रोफाइल में रहकर काम करता था. फिलहाल सीबीआई की इंटरपोल शाखा उसकी भारत वापसी (डिपोर्टेशन) की प्रक्रिया में जुटी है.