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टीआरपी की खातिर पाकिस्‍तानी गेम शो में गोद दी जा रही हैं बच्चियां

रमजान के पवित्र महीने में पाकिस्‍तान के एक टीवी चैनल ने टीआरपी के लिए हद ही पार कर दी. यहां के एक प्राइम टाइम टीवी शो में प्रतिभागियों को अनाथ बच्‍चे दिए जा रहे हैं.

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आमिर लियाकत हुसैन
आमिर लियाकत हुसैन

रमजान के पवित्र महीने में पाकिस्‍तान के एक टीवी चैनल ने टीआरपी के लिए हद ही पार कर दी. यहां के एक प्राइम टाइम टीवी शो में प्रतिभागियों को अनाथ बच्‍चे दिए जा रहे हैं.

डेली मेल की खबर के मुताबिक रमजान के महीने में पाकिस्‍तानी चैनल जियो न्‍यूज 'अमान रमजान' नाम से एक कार्यक्रम प्रसारित कर रहा है. शो के एंकर आमिर लियाकत हुसैन अब तक प्रतिभागियों को दो अनाथ बच्‍चे सौंप चुके हैं.

पिछले हफ्ते के एपिसोड में हुसैन ने स्‍टूडियो में बैठी ऑडियन्‍स से कहा था, 'यह एक खूबसूरत बच्‍ची है, जिसे किसी ने कूड़े के ढेर में फेंक दिया. देखिए यह कितनी खूबसूरत और मासूम है.'

शो के दौरान रियाज-उद-दीन और उनकी पत्‍नी को बच्‍ची सौंप दी गई. रियाज ने कहा, 'हमने बहुत मुश्किल से ये 14 साल गुजारे हैं. लोग दूसरी शादी की सलाह देते थे, लेकिन मैंने धैर्य नहीं खोया और पत्‍नी से भी यही कहता था कि वो धैर्य बनाए रखे.' बच्‍ची के नए माता-पिता ने उसका नाम फातिमा रखा है.

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शो के दौरान प्रतिभागियों को दिए जाने वाली दूसरी चीजों में मोटरसाइकिल, होम-थिएटर सिस्‍टम, लैपटॉप और वॉशिंग मशीन शामिल है.

गौरतलब है कि पाकिस्‍तान में हर साल कई बच्‍चों को लावारिस छोड़ दिया जाता है. दरअसल, यहां शादी के बाहर बच्‍चा पैदा करना दंडनीय अपराध और यही वजह है कि यहां हर महीने कई सौ बच्‍चे कूड़े के ढेर या ऐसी ही गंदी जगहों पर फेंक दिए जाते हैं.

पाकिस्‍तान में ज्‍यादातर महिलाओं को घर से बाहर काम करने की इजाजत नहीं है, इसलिए यहां लड़कियों को पहले पिता और बाद में पति पर आर्थिक बोझ माना जाता है. इसलिए खासकर बच्चियों को कूड़े के ढेर में फेंक दिया जाता है. हालांकि पाकिस्‍तान के कानून के मुताबिक ऐसा करने वालों को सात साल की सजा देने का प्रावधान है.

बहरहाल, पाकिस्‍तान में गेम शो और टॉक शो काफी लोकप्रिय हैं. यहां रमजान के महीने में ज्‍यादातर लोग घरों के अंदर ही रहते हैं और ऐसे में टीवी चैनलों में टीआरपी की खातिर जंग सी छिड़ जाती है. लेकिन जिस तरह टीआरपी के लिए इन लावारिस बच्‍चों का इस्‍तेमाल किया जा रहा है, उसे जायज नहीं ठहराया जा सकता.

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