भारत के किसी प्रधानमंत्री के रूप में 59 साल बाद आयरलैंड पहुंचने पर जोरदार स्वागत हुआ. राजधानी डबलिन में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करने मोदी पहुंचे तो पूरा हॉल मोदी-मोदी के नारों से गूंजने लगा.
Ab kisi Bhartiya ko sar jhukane ke din nahi hain-PM Modi #ModiInIreland pic.twitter.com/pwSRVyIy1b
— ANI (@ANI_news) September 23, 2015
मोदी के संबोधन से पहले यहां कुछ बच्चों ने संस्कृत में श्लोक गाकर मोदी का स्वागत किया. मोदी ने आयरिश बच्चों के संस्कृत में स्वागत गान के बहाने मोदी ने सेकुलरिज्म पर चुटकी लेते हुए कहा कि यह अगर भारत में होता तो हंगामा खड़ा हो जाता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां कहा कि आज पूरे विश्व में भारत के विकास की चर्चा हो रही है, 21वीं सदी एशिया की सदी है ये पूरे विश्व ने मान लिया है.
Simply mesmerising! Great to see these children recite in Sanskrit.
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— Narendra Modi (@narendramodi) September 23, 2015
PM Modi with Irish school children in Dublin #ModiInIreland pic.twitter.com/UWZVmeuGKi
— ANI (@ANI_news) September 23, 2015
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके समकक्ष इंडा केनी ने उन्हें अपने देश की क्रिकेट टीम की जर्सी और यहां के मशहूर खेल हर्लिंग की स्टिक और गेंद भेंट करके उनका सम्मान किया. जर्सी तथा हर्लिंग की स्टिक एवं गेंद पर मोदी का नाम खास तौर से लिखवाया गया था. हरे और बैगनी रंग की जर्सी पर एक तरफ मोदी और दूसरी तरफ आयरलैंड लिखा हुआ था.
Dublin (Ireland): Irish PM Enda Kenny presents a Irish cricket team jersey to PM Narendra Modi pic.twitter.com/ue51XrxVa6
— ANI (@ANI_news) September 23, 2015
मोदी ने आयरलैंड के प्रधानमंत्री केनी को तोहफे में 18वीं एवं 19वीं शताब्दी के दौरान भारत में कोयला क्षेत्र का पता लगाने के लिए भूगर्भीय सर्वेक्षण करने और बिहार की भाषाओं का अध्ययन करने वाले आयरलैंड के दो अधिकारियों के संबंधित दुर्लभ दस्तावेज भेंट किए.
मोदी ने उस दुर्लभ दस्तावेज के अलावा अपने आयरलैंड के समकक्ष को चांदी, संगमरमर और बलुआ पत्थर की हाथ से तराशी गई कृति भेंट की जो आयरलैंड के प्रतीक तीन पत्ती वाली घास की आकृति को प्रतिबिंबित करती है. यह आरती के लैम्प के जैसी दिखती है और जिसके अगल बगल तीन पत्ती वाली घास के साथ मोर को भी दिखाया गया है. इस पर चांदी की चमकती ओस की बूंदे दर्शायी गई है जो शुद्धता का प्रतीक है.
प्रधानमंत्री ने इंडा केनी को जो दुर्लभ दस्तावेज दिये वे थामस ओल्डहम और सर जार्ज अब्राहम ग्रिसन से जुड़े हैं। डबलिन में जन्में ओल्डहम को 1850 में भारत में भूगर्भीय सर्वेक्षण के लिए नियुक्त किया गया था. उन्होंने भारत में कोयला क्षेत्र और बाद में अन्य खनिजों की भी निशानदेही की और उनका मानचित्र बनाया.
सर ग्रिसन ने 1898 में भारत का पहला भाषायी सर्वे का काम पूरा किया. वह संस्कृत और हिन्दी के ज्ञाता थे. उनकी प्रमुख कृतियों में बिहारी भाषा के व्याकरण तथा बोलियां एवं उप बोलियां के अलावा बिहार के किसान के जीवन पर उनका अध्ययन महत्वपूर्ण है.