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मतदान कल, बदल जाएगा पाकिस्तान का इतिहास

पाकिस्तान के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब चुनाव के जरिए सत्ता का हस्तांतरण एक लोकतांत्रिक सरकार से दूसरी लोकतांत्रिक सरकार के हाथों में होगा. 11 मई को मतदान खत्म होने के बाद ही मतगणना शुरू हो जाएगी और सभी नतीजे आने में एक सप्ताह से अधिक का समय लग जाता है.

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Pakistan Elections 2013
Pakistan Elections 2013

लंबे समय तक सैन्य शासन के साये में रहे और पिछले कई वर्षों से आतंकवाद एवं हिंसा का सामना कर रहे पाकिस्तान के लोग कल अपनी अगली लोकतांत्रिक सरकार चुनने के लिए मतदान करेंगे. नेशनल एसेंबली के साथ ही पाकिस्तान के चार प्रांतों की एसेंबलियों के लिए भी मतदान होगा.

इसी साल मार्च में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेतृत्व वाली सरकार के पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद 11 मई को चुनाव कराने का ऐलान किया गया था.

पाकिस्तान के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब चुनाव के जरिए सत्ता का हस्तांतरण एक लोकतांत्रिक सरकार से दूसरी लोकतांत्रिक सरकार के हाथों में होगा. 11 मई को मतदान खत्म होने के बाद ही मतगणना शुरू हो जाएगी और सभी नतीजे आने में एक सप्ताह से अधिक का समय लग जाता है.

पाकिस्तानी संसद के निचले सदन नेशनल एसेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं, लेकिन यहां के संविधान के मुताबिक 272 सीटों पर ही प्रत्यक्ष चुनाव होता है और 60 सीटें महिलाओं तथा 10 सीटें अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित होती हैं. प्रत्यक्ष चुनाव से मिली सीटों के अनुपात में ही विभिन्न दलों को ये आरक्षित 70 सीटें आवंटित कर दी जाती हैं. सरकार बनाने के लिए किसी भी राजनीतिक दल या गठबंधन को कम से कम 172 सीटें हासिल करना जरूरी है.

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इस बार के चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और भुट्टो परिवार की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) तथा क्रिकेट के मैदान से सियासत के मैदान में उतरे इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है.

इन प्रमुख दलों के अलावा पीएमएल-क्यू, जमात-ए-इस्लामी और अवामी नेशनल पार्टी सरीखे दल भी अपनी ताकत को मजबूत करने के प्रयास में हैं.

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