जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आत्मघाती हमले के गुनहगारों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान टालमटोल का रवैया अपना रहा है. पाकिस्तान ने पुलवामा हमले के संबंध में और जानकारी व सबूत मुहैया कराये जाने की मांग की है. साथ ही उसने पुलवामा हमले को लेकर अपनी जांच संबंधी प्राथमिक जानकारी भारत के साथ साझा की है. भारत ने पुलवामा हमले की रिपोर्ट पाकिस्तान को सौंपी थी जिसकी पड़ताल के बाद पड़ोसी देश ने इस घटना से संबंधित और जानकारी मांगी है.
पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. भारत ने पाकिस्तान से इस आतंकी संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी. इसी मामले में पाकिस्तान जांच पड़ताल कर रहा है.
इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के सचिव से मुलाकात की और पुलवामा हमले की जांच की प्रगति के बारे में जानकारी हासिल की. इसी दौरान पाकिस्तान ने भारत के समक्ष यह मांग रखी कि वह इससे संबंधित उसे और जानकारी मुहैया कराए.
इससे पहले, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के विश्वसनीय सबूत पेश किए जाने पर पुलवामा हमले में जांच पड़ताल किए जाने को लेकर भारत की मदद करने का प्रस्ताव दिया था. इस प्रस्ताव के बाद भारत ने 27 फरवरी 2019 को पाकिस्तान को कुछ दस्तावेज सौंपे थे.

बहरहाल, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि वह इस सिलसिले में पूरी जिम्मेदारी के साथ काम कर रहा है और भारत के साथ पूरा सहयोग कर रहा है. पाकिस्तान ने कहा कि हम क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा की दिशा में काम कर रहे हैं. जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए हमने भारत से और सूचना तथा सबूत की मांग की है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पिछले महीने कहा था कि प्रधानमंत्री इमरान खान शांति का न्योता देने के लिए अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं. मुझे भारत की तरफ से पुलवामा आतंकी हमले का डोजियर बस अभी प्राप्त हुआ है और अभी इसे देखने का मौका नहीं मिला है. मैं फिर से कहता हूं कि हम डोजियर का खुले दिल से देखेंगे और इसकी जांच करेंगे.