
अफगानिस्तान में कब्जा जमाने वाले तालिबान के पीछे पाकिस्तान के हाथ होने की बात सामने आती रही है. पाकिस्तान पर तालिबान के लड़ाकों को पर्दे के पीछे से साथ देने का आरोप लंबे समय से लगता रहा है. हालांकि, आधिकारिक रूप से पाकिस्तान ने इन आरोपों को कभी स्वीकार नहीं किया है, लेकिन अब जो तस्वीरें और वीडियोज सामने आए हैं, उससे उसकी पोल खुल गई है. दरअसल, पाकिस्तान में पले-बढ़े जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी तालिबान का साथ देने के लिए अफगानिस्तान गए थे, जिसके बाद अब सब पीओके वापस लौटे हैं.
तालिबान का साथ देने वाले आतंकियों का जोरदार स्वागत
तालिबान के लड़ाकों का साथ देने के लिए गए आतंकी जब वापस पीओके लौटे तो उनका वहां पर जोरदार स्वागत किया गया. वीडियो में पीओके आने पर जैश, लश्कर के आतंकी बाइक पर रैली निकालते हुए दिखाई दे रहे हैं. उनके हाथों में तालिबान का झंडा भी है और कंधे पर बंदूक भी रखी हुई है. वीडियो में सिर्फ बाइक ही नहीं, बल्कि कार से आतंकी नजर आ रहे हैं. पीओके में खुलेआम तालिबान का समर्थन करने वाले आतंकियों के दिखाई देने से पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के उन दावों की हवा निकल गई है, जिसमें वह दहशतगर्दों के खिलाफ कार्रवाई करने का दिखावा करते हैं.
आतंकी गतिविधियों के चलते ही FATF की मार झेल रहा पाक
आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान और उसके प्रधानमंत्री इमरान भले ही अपने देश की छवि जितनी भी सुधारने की कोशिश करते रहें, लेकिन पोल खुल ही जाती है. पूरी दुनिया के सामने आतंकवाद के काले कारनामे सामने आने के बाद फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को तगड़ा झटका देते हुए ग्रे लिस्ट में डाल दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान में कार्रवाई के नाम पर कई तरह के दिखावे किए गए. आतंकियों के खिलाफ हुए दिखावों की असलियत सामने आने की वजह से अब भी पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में ही बना हुआ है. उसका जल्द इस लिस्ट से बाहर निकलना आसान नहीं दिखाई दे रहा है.

एक प्रांत को छोड़, पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान का वर्चस्व
अमेरिकी और नाटो सेनाओं के वतन वापसी के बाद अफगानिस्तान में तालिबान की हलचल तेजी से बढ़ी. कुछ ही दिनों के भीतर तालिबान के लड़ाकों ने अफगानिस्तान के एक-एक करके ज्यादातर प्रांतों को अपने कब्जे में ले लिया. फिलहाल, पंजशीर घाटी ही तालिबान के कब्जे से दूर है, जहां भी तालिबान पहुंच गया है. तालिबान ने पंजशीर के शेर अहमद मसूद को सरेंडर करने के लिए कहा, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया. वहीं, मौजूदा हालात की वजह से अफगानिस्तान में लोग जल्द से जल्द देश छोड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं.
(रिपोर्ट: आजतक ब्यूरो)