पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सरकार ने आतंकी संगठनों का समर्थन करने के आरोप में कई संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है. स्थानीय रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को पाकिस्तान के पंजाब में आतंकियों की मदद करने के आरोप में करीब 53 संगठनों पर रोक लगाई गई है. पाकिस्तान सरकार का कहना है कि वह अपनी जमीन का किसी भी देश के खिलाफ आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होने देगा.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को दावा किया था कि उनका देश अपनी जमीन को भारत सहित किसी भी देश के खिलाफ आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होने देगा. उन्होंने दावा किया था कि जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के मुख्यालय को सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है.
गौरतलब है भारत ने बुधवार को पाकिस्तान को एक डोजियर सौंपा था, जिसमें पुलवामा हमले में जैश-ए-मोहम्मद के शामिल होने और पाकिस्तान में इस आतंकी संगठन के ठिकाने होने की जानकारी दी गई थी. बता दें कि जैश- ए-मोहम्मद संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित आतंकी संगठन है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने अपना डोजियर सौंपा है, यदि भारत इस पर बात करना चाहता है तो हम इसके लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि देश में नई सोच और नए रुख वाली नई सरकार है और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की नीतियां बिल्कुल साफ हैं.
पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों की मदद के मामले में ऐसे वक्त में रोक लगाने का फैसला किया है, जब पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे और हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के सरपस्त आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.
हालांकि कुरैशी ने पहले ही कहा था कि पंजाब सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर स्थित मुख्य केंद्र को कब्जे में ले लिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान स्थिति को शांत करना चाहता है. इससे पहले पाकिस्तान ने पीएम इमरान खान ने कहा था कि दहशतगर्दी के लिए हम अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं चाहते हैं. पुलवामा में जो हुआ वो अफसोसजनक है. इमरान खान ने कहा था कि पुलवामा के सबूत हमें दीजिए, हम हर मुमकिन कार्रवाई करेंगे. बता दें कि भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा करके पाकिस्तान साबित करने की कोशिश कर रहा है कि वो युद्ध नहीं शांति चाहता है.