भारत की तरह पाकिस्तान में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. बीते शनिवार को पाकिस्तान में एक बार फिर पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. पेट्रोल 10.49 रुपए प्रति लीटर और डीजल के दामों में 12.44 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है. हालांकि सिर्फ महंगाई ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के नेताओं के बयान भी जनता के हालातों को खराब करने का ही काम कर रहे हैं. इस बार सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी का एक बयान सुर्खियों में है.
फवाद चौधरी ने पेट्रोल और डीजल के दामों में हुई हालिया वृद्धि को सही ठहराते हुए कहा है कि अगर ग्लोबल स्तर पर वृद्धि होती है तो पाकिस्तान में भी उसी हिसाब से पेट्रोल और डीजल के दामों को एडजस्ट किया जा रहा है. उन्होंने लिखा कि एक खास तरह का प्रोपैगेंडा फैलाया जा रहा है मानो हम लोग धरती पर नहीं बल्कि किसी दूसरे ग्रह पर रहते हों. पूरा देश सब्सिडी पर नहीं चल सकता है. अगर दुनिया में भी कीमतें घटेंगी तो पाकिस्तान में भी घटनी शुरू हो जाएंगी.
'प्राइवेट सेक्टर बढ़ाए लोगों की सैलरी'
फवाद ने लोगों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर सबको साथ मिलकर चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करना चाहिए. उन्होंने ये भी दावा किया कि अर्थव्यवस्था से जुड़ी चुनौतियां अस्थायी तौर पर हैं. उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर ऐतिहासिक लाभ कमा रहे हैं और प्राइवेट सेक्टर को वर्किंग क्लास लोगों की सैलरी को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए. फवाद के अनुसार, बढ़ती महंगाई से पार पाने के लिए सैलरी में बढ़ोतरी एक अच्छा उपाय है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने अपने नोटिफिकेशन में ईंधन के दामों के बढ़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार का हवाला दिया था. इस नोटिफिकेशन में कहा गया था कि अगर अक्तूबर 2018 से तुलना की जाए तो इस समय इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम 85 डॉलर्स प्रति बैरल अधिक हो चुके हैं. बीते कुछ महीनों में ऊर्जा की मांग के बढ़ने के चलते सप्लाई में दिक्कतें भी आ रही हैं. सरकार ने दावा किया था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते दामों के दबाव के बीच उसने पेट्रोलियम लेवी और सेल्स टैक्स को सबसे कम रखते हुए पाकिस्तान की आवाम को काफी राहत भी दी है.
महंगाई को लेकर इससे पहले भी पाकिस्तानी नेता का आया विवादास्पद बयान
इससे पहले पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान मामलों के केंद्रीय मंत्री अली अमीन गंडापुर ने बढ़ती महंगाई के मद्देनजर लोगों को सलाह दी थी कि चाय में कम चीनी डालकर और कम रोटी खाकर जीवन चलाना चाहिए. अली अमीन ने महंगाई की बहस के दौरान राष्ट्रवाद की दुहाई देते हुए लोगों से कहा था कि अगर मैं चाय में चीनी के सौ दाने डालता हूं और नौ दाने कम डाल दूं तो क्या चीनी कम मीठी हो जाएगी? क्या हम अपने देश के लिए, अपनी आत्मनिर्भरता के लिए इतनी सी कुर्बानी भी नहीं दे सकते? अगर मैं रोटी के सौ निवाले खाता हूँ तो उसमे नौ निवाले कम नहीं कर सकता हूं? उनका ये बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था.