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FATF पर पाकिस्तान का नया पैंतरा, एक्शन प्लान पूरा करने के लिए मांगेगा और मोहलत

बीजिंग में 21 जनवरी से 23 जनवरी तक होने वाली बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अज़हर करेंगे. पाकिस्तान के लिए ये बैठक कितनी अहम है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने 17 सदस्यों का भारी भरकम प्रतिनिधिमंडल बीजिंग भेजा है.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फोटोः PTI)
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फोटोः PTI)

  • बीजिंग में 21 से 23 जनवरी तक FATF की बैठक
  • पाकिस्तान के 120 पन्नों के जवाब की होगी समीक्षा

टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नज़र रखने वाले ग्लोबल वाचडॉग ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (FATF)  की बीजिंग में होने वाली बैठक का पाकिस्तान सांस रोक कर इंतज़ार कर रहा है. पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को FATF की ओर से तय किए गए 27 सूत्री एक्शन प्लान को लेकर इस्लामाबाद की ओर से उठाए गए कदमों का बचाव करना है.

पाकिस्तान की कोशिश रहेगी कि इस एक्शन प्लान के कम से कम 22 बिन्दुओं को पूरा करने के लिए उसे और मोहलत मिल जाए. बीजिंग में 21 जनवरी से 23 जनवरी तक होने वाली बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अज़हर करेंगे. पाकिस्तान के लिए ये बैठक कितनी अहम है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने 17 सदस्यों का भारी भरकम प्रतिनिधिमंडल बीजिंग भेजा है. पाकिस्तान के 120 पन्नों के जवाब की बीजिंग में समीक्षा होगी.

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पाकिस्तान का बचाव एक्शन प्लान को लेकर उसकी प्रगति रिपोर्ट पर निर्भर होगा. बीजिंग के बाद अप्रैल में पेरिस में FATF  की पूर्ण बैठक होनी है. बीजिंग में पाकिस्तान के बचाव और सिफारिशों का असर पेरिस में होने वाली बैठक पर पड़ेगा. पाकिस्तान को उम्मीद है कि से FATF की ग्रे सूची से निकालने में मित्र देशों से पर्याप्त राजनयिक समर्थन मिलेगा.

पाकिस्तान साथ ही FATF को ये समझाने के लिए भी पूरा जोर लगा रहा है कि वो एक्शन प्लान के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के खिलाफ ठोस कदम उठा रहा है. विश्लेषकों के मुताबिक पाकिस्तान की पूरी कोशिश है कि उसे FATF की ओर से जून या सितंबर 2020 तक किसी तरह मोहलत मिल जाए. विश्लेषकों का ये भी कहना है कि एक्शन प्लान पर पर्याप्त कदम नहीं उठाने की वजह से पाकिस्तान सिर पर FATF की काली सूची में जाने का खतरा मंडरा रहा है. ये पाकिस्तान के लिए गंभीर चिंता का विषय है.

वित्तीय विश्लेषक महताब हैदर ने कहा, ‘पाकिस्तान के लिए काली सूची में जाना तबाही जैसा होगा. इससे पाकिस्तान को आने वाले विदेशी निवेश पर बहुत बुरा असर पड़ेगा.’  पाकिस्तान ने अपनी प्रगति रिपोर्ट में टेरर फाइनेंसिंग से जुड़े कम से कम 500 केस रजिस्टर होने का दावा किया है. ये भी कहा है कि इनमें से कम से कम 55 में कानूनी अदालत की ओर से दोष सिद्ध किया जा चुका है.  

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FATF को ये भी बताया गया है कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की ओर से डिफॉल्ट करने वाले बैंकों के खिलाफ दंडात्मक प्रावधान किए गए हैं. पाकिस्तान के सारे एयरपोर्ट्स पर अनिवार्य करेंसी घोषणा को लागू कराया जा रहा है. पाकिस्तान की प्रगति रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कैसे मदरसों जैसे धार्मिक स्कूलों को स्कूल का दर्जा दिया गया है. साथ ही कैसे प्रतिबंधित संगठनों की ओर से चलाए जा रहे चैरिटी संगठनों और मेडिकल डिस्पेंसरियों का संचालन सरकारी स्वास्थ्य विभागों ने अपने हाथ में लिया है.

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