14 अगस्त को पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के प्रमुख इमरान खान और पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) प्रमुख तहीरूल कादरी के नेतृत्व में निकाले जाने वाले सरकार विरोधी मार्च को लेकर पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी सरकार सकते में है.
ताजा जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी सरकार ने इस्लामाबाद के कई हिस्सों में मोबाइल फोन सेवाएं और वायरलेस इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने का आदेश दिया है. इसके अलावा राजधानी छावनी में तब्दील हो गई है, चारों तरफ सेना के जवान गश्त लगा रहे हैं. वैसे इसके लिए सरकार 14 अगस्त (पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस) का हवाला दे रही है, पर विरोधियों का आरोप है कि सरकार डर गई है इसलिए ऐसा किया जा रहा है.
14 अगस्त को इमरान खान का आजाद मार्च
दरअसल, इमरान खान का दावा है कि 2013 के चुनावों में कम से कम 35 सीटों पर खुलेआम वोटों में गड़बड़ी की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि इस साजिश में कई वरिष्ठ जज, अधिकारी और चुनाव अधिकारी शामिल थे. उन्होंने इन सीटों पर पुनर्मतगणना की मांग की थी. हालांकि, ऐेसा सिर्फ 10 सीटों पर करवाया गया. इसी के विरोध में इमरान खान मार्च निकालने वाले हैं. पीएम नवाज शरीफ ने इस गतिरोध को खत्म करने के लिए आरोप की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज की सदस्यता वाली तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठन करने की पेशकश की. जिसे इमरान खान ने खारिज कर दिया. अब 14 अगस्त को इमरान खान लाहौर से इस्लामाबाद तक आजाद मार्च निकालेंगे. इसे सरकार से इजाजत मिल गई है. पीएम ने पुलिस को निर्देश दिया है कि इस रैली में हिस्सा लेने वालों के खिलाफ सख्त बर्ताव नहीं किया जाए.
पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) के मार्च को नहीं मिली इजाजत
पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) के इंकलाब मार्च को इजाजत नहीं दिए जाने की खबर हैं. नवाज शरीफ को खुफिया एजेंसी ने जानकारी दी है कि इस रैली में कई असमाजिक तत्व शामिल हो गए हैं इसलिए हिंसा की संभावना है. एजेंसी ने बताया कि पीएटी के समर्थकों में भाड़े पर लाए गए कुछ असमाजिक तत्व भी शामिल हैं. उनका मकसद पुलिस के साथ भिड़ना और फिर संगठन के ही कार्यकर्ताओं पर गोलीबारी करना है. यह दावा भी किया गया है कि इस मार्च के पीछे कुछ विदेशी ताकतों का हाथ है. खुफिया एजेंसी की इस रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पीएटी की इंकलाब मार्च को इजाजत नहीं देने का फैसला किया.
सरकार के विरोध में सड़क पर उतरेंगे 1 लाख
खुफिया एजेंसी ने अनुमान जताया है कि अगर मार्च होते हैं तो 1 लाख से ज्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद कम है. तहीरूल कादरी के इंकलाब मार्च में 10-20 हजार लोग शामिल हो सकते हैं तो इमरान खान की रैली में करीब 80000 लोगों के हिस्सा लेने की संभावना जताई गई है.