जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. वह कभी भारत को गीदड़भभकी दे रहा है, तो कभी अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को युद्ध अपराध करार दे रहा है. बुधवार को पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए वहां की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा कि कश्मीर में भारत का एक्शन युद्ध अपराध जैसा है.
जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने को लेकर पाकिस्तान की संसद में पिछले दो दिन से चर्चा चल रही है. भारत के कदम के बाद पाकिस्तान आगे की कार्रवाई पर विचार कर रहा है. पाकिस्तान की मंत्री शिरीन मजारी ने आरोप लगाया, 'भारत ने युद्ध अपराध किया है. हम दुनिया को यह बताने के लिए बाध्य हैं कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त युद्ध अपराध किया है.'
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से बौखलाई पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है. जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म करना शिमला समझौते का उल्लंघन है. पाकिस्तानी मंत्री मजारी ने आरोप लगाया कि भारत हिंसा को अंजाम दे रहा है. इस दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी अपने निशाने पर लिया.
कश्मीर राग अलापते हुए मजारी ने कहा कि यूएन ह्यूमन राइट्स काउंसिल को तत्काल जांच कमेटी का गठन करना चाहिए, जो कश्मीर में जाकर मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच करे. उन्होंने कहा कि इस संबंध में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को भी खत लिखा है.
मजारी ने आरोप लगाया कि भारत नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर क्लस्टर बम का इस्तेमाल कर रहा है. हालांकि भारत पाकिस्तान की इस झूठ की पोल पहले ही खोल चुका है. पाकिस्तान की हकीकत को उजागर करते हुए भारत साफ कह चुका है कि उसने एलओसी पर क्लस्टर बम का इस्तेमाल नहीं किया है. क्लस्टर बम को लेकर पाकिस्तान झूठा दावा कर रहा है.
अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा- आतंकियों पर करो ठोस कार्रवाई
वहीं, अमेरिका ने पाकिस्तान से प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस और संतोषजनक कार्रवाई करने को कहा है. अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए दुनिया के देशों के समर्थन की आवश्यकता है. पाकिस्तानी अखबार डॉन ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि जून में एफएटीएफ की फ्लोरिडा में आयोजित बैठक के बाद पाकिस्तान द्वारा आतंकी संगठनों के खिलाफ की गई कार्रवाई का आंकलन करने के लिए एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल इस्लामाबाद पहुंचा हुआ है.