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पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, इमरान सरकार घिरी

पाकिस्तान में पेट्रोलियम प्रोडक्ट की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी हुई है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के इतिहास में इतनी कीमतें कभी नहीं हुईं. पेट्रोलियम प्रोडक्ट की कीमतें बढ़ने से वहां की जनता ने और अपोजिशन के लीडर्स ने इमरान सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.

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(Image credit: Instagram/ imrankhan.pti)
(Image credit: Instagram/ imrankhan.pti)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पाकिस्तान में पेट्रोलियम प्रोडक्ट की बढ़ी कीमतें
  • पाकिस्तानी जनता ने पाक सरकार पर साधा निशाना
  • पेट्रोल हुआ 159.86 रुपये प्रति लीटर

पाकिस्तान की सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों के दाम एक बार फिर बढ़ा दिए हैं. पाकिस्तान सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार, पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में 10 रुपये से 12 रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि हुई है. इस बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल की कीमत 159.86 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है. पेट्रोल की बढ़ी कीमतों ने पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं. पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल की ये अभी तक की सबसे अधिक कीमत है और अभी तक इनकी कीमतों में पहले कभी एक साथ इतनी अधिक वृद्धि नहीं हुई थी. 

क्या हैं पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की नई कीमतें

सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, पहले पेट्रोल की कीमत 147.83 रूपये थी, जिसमें 12.03 रूपये की वृद्धि हुई है और अब पेट्रोल की कीमत 159.86 रुपये प्रति लीटर हो गई है. डीजल की कीमत में प्रति लीटर 9.53 रुपये की वृद्धि हुई है और अब उसकी कीमत 155.15 रुपये प्रति लीटर हो गई है.

पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी हुई है. साल 2014 के बाद से पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत अपने उच्चतम स्तर पर है. सरकार ने इससे पहले पेट्रोलियम पदार्थों के दाम 15 जनवरी को बढ़ाए थे. उस समय पेट्रोल की कीमत 3.01 रुपये बढ़ाकर 147.83 रुपये प्रति लीटर कर दी गई थी. 

आईएमएफ से कर्ज लेने की शर्तें पूरा करने का दबाव

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पाकिस्तान सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज लेने के लिए किए वादे को पूरा करने के लिए ये सारे कदम उठा रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए आर्थिक सुधारों पर जोर दिया है. इसमें सरकारी राजस्व बढ़ाने की भी शर्त शामिल है और पाकिस्तान सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत पेट्रोल और डीजल ही है. पाकिस्तान में हर महीने 7.5 लाख टन पेट्रोल और 8 लाख टन डीजल की खपत है. वहीं, किरोसीन की खपत हर महीने 11000 टन है.

विपक्षी दलों ने इमरान सरकार को घेरा

पाकिस्तान की विपक्षी दलों ने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि को लेकर इमरान खान सरकार को घेरा है. पाकिस्तान की प्रमुख विपक्षी दल पीएमएल-(एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने कहा कि पीटीआई सरकार महंगाई झेल रही जनता के साथ बेहद असंवेदनशील रवैया अपना रही है.

शहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान की सरकार लोगों से उनके जीने का अधिकार छीन रही है. उन्होंने जनता से अगले आम चुनावों में प्रधानमंत्री इमरान खान को कड़ा सबक सिखाने का आग्रह किया.

जमात-ए-इस्लामी प्रमुख सिराजुल-हक ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार की इस क्रूरता पर खामोश नहीं बैठेगी. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ये बढ़ोतरी सरकार की असंवेदनशीलता का एक और उदाहरण है.

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पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के चेयरपर्सन बिलावल भुट्टो ने भी सरकार की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि इस सिलेक्टेड सरकार के गिनती के दिन बचे हैं. बिलावल भुट्टो ने कहा कि लोग इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे.

बिलावल भुट्टो ने कहा कि उनकी पार्टी कीमतों में वृद्धि के खिलाफ 27 फरवरी को मार्च निकालेगी और सरकार की उसकी नीतियों को लेकर जवाबदेही तय करेगी.

पीएमएल-एन के नेता इशक डार ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि आम जनता नहीं झेल पाएगी. पीपीपी की नफीसा शाह ने सवाल करते हुए कहा कि इस तरह की महंगाई में लोग अपनी आजीविका कैसे चलाएंगे. पीपीपी के एक अन्य नेता नाज बलोच ने कहा कि पेट्रोल-डीजलों की कीमतों में ये बढ़ोतरी महंगाई और बढ़ाएगी.


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