पाकिस्तान में अगले कुछ घंटों में देश के नए निजाम के लिए मतदान होने जा रहा है. क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान प्रधानमंत्री की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं, लेकिन दिलचस्प है कि प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब पालने वाला यह नेता एक दो नहीं 5 जगहों से चुनाव लड़ रहा है.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान इस बार देश के 5 अलग-अलग संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. पाक के पंजाब प्रांत से वह 3 सीटों पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इसके अलावा खैबर पख्तूनख्वा और सिंध प्रांत से भी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
इमरान ने कराची (एनए-243), लाहौर (एनए-131), रावलपिंडी (एनए-61), बन्नू (एनए-26) और मियांवाली (एनए-95) से मैदान में ताल ठोक रखा है. माना जा रहा है कि उनके 5 जगहों से चुनाव लड़ने के पीछे देश के हर तरफ से अपने पक्ष में माहौल बनाना है जिससे उनके प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो जाए.
ऐसा नहीं है कि इमरान पहली बार एक साथ इतने चुनाव लड़ रहे हैं. 2013 के आम चुनाव में इमरान 4 सीटों पर चुनाव लड़े थे और इस बार उन्होंने एक सीट बढ़ाते हुए कराची से भी वह चुनाव लड़ रहे हैं.
हालांकि 2013 के चुनाव में इमरान के लिए अनुभव अच्छा नहीं रहा था क्योंकि वह लाहौर, रावलपिंडी, पेशावर और मियांवाली से चुनाव लड़े थे, जिसमें लाहौर में उन्हें शिकस्त मिली थी और 3 में जीत हासिल हुई थी. लेकिन बाद में उन्होंने पेशावर और मियांवाली सीट छोड़ दी और उपचुनाव में उन्हें इन दोनों ही सीटों पर हार का सामना करना पड़ गया.
शरीफ के भाई 4 जगह से उम्मीदवार
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के अध्यक्ष और नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ भी चुनाव में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नहीं दिखते हैं और 4 जगहों से चुनाव लड़ रहे हैं. जेल जाने के बाद नवाज ने उन्हें अपनी पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का उत्तराधिकारी माना है और वह लाहौर, डेरा गाजी खान, कराची और स्वात से चुनाव मैदान में हैं.
बेनजीर के बेटे 3 जगह से
सिर्फ इमरान खान ही नहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन और 2 बार प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी भी 3 जगहों से चुनाव लड़ रहे हैं. 29 साल के बिलावल पहली बार चुनाव मैदान में उतर रहे हैं, और वह (कराची साउथ-1, लरकाना-1 और मलाकंद) से चुनावी समर में ताल ठोंक रहे हैं.
पाक के नेशनल असेंबली में 332 सीटों के लिए चुनाव होने हैं, जबकि 10 सीटें गैर मुस्लिमों के लिए आरक्षित की गई हैं. पंजाब प्रांत से अकेले 174 सीटें आती हैं, जबकि सिंध से 75, खैबर पख्तूनख्वा से 48, बलोचिस्तान से 20 और 3 सीट संघीय राजधानी से हैं.