पाकिस्तान सरकार ने साफ कर दिया है कि वह चीन से 25 J-10C फाइटर जेट विमान लेने जा रहा है. पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद (Sheikh Rashid) ने बुधवार को रावलपिंडी में बताया कि 23 मार्च को फ्लाई पास्ट में 25 चीनी लड़ाकू विमान हिस्सा लेंगे. इतना ही नहीं रशीद ने इसे भारत के राफेल का जवाब बताया.
हालांकि, गृह मंत्री रशीद ने इस दौरान लड़ाकू विमान का गलत नाम बताया. उन्होंने इसे जेएस -10 कहा. पाकिस्तान में नए चीनी जेट लेने को लेकर काफी लंबे वक्त से अफवाहें चल रही हैं. वहीं, राफेल की तुलना में चीनी जेट की क्षमताओं को लेकर किए गए दावों पर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं. चीनी एयरफोर्स ने अपने पुराने J-7E विमानों की जगह अब J-10C मल्टीरोल फाइजर जेट का इस्तेमाल कर रहा है.
J-10C से बेहतर है राफेल
J-10C को चीनी वायु सेना का एक सक्षम लड़ाकू विमान माना जाता है, लेकिन यह राफेल की अत्याधुनिक क्षमताओं की तुलना में काफी पीछे है. हालांकि, चीनी मीडिया इसे राफेल की क्षमता के बराबर का लड़ाकू विमान बताती है. हालांकि, राफेल की अत्याधुनिक क्षमता, बेहतर सेंसर और इसकी युद्ध क्षमता इसे J-10C से अलग बनाती है.
राफेल, J-10C की तुलना में शॉर्ट-रेंज मिसाइल के जरिए ज्यादा दूरी तक सटीक मार करने में सक्षम है. इसके अलावा राफेल में AESA रडार और मीटियर मिसाइल का संयोजन इसे और खतरनाक बनाता है. राफेल का इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट भी अपनी श्रेणी में सबसे सक्षम माना जाता है.
पाकिस्तान में ही उठा J-10C विमान पर सवाल
इससे पहले J-10C विमान चीन और पाकिस्तान के युद्धाभ्यास में भी नजर आया था. आधिकारिक पुष्टि से कुछ समय पहले पाकिस्तान के एयरचीफ ऑफिस में J-10C का मॉडल भी देखा गया था. हालांकि, इस विमान पर पाकिस्तान का विपक्ष सवाल उठा रहा है.
पाकिस्तान के सांसद अफनान उल्लाह खान ने हाल ही में ट्वीट किया था, ''मुझे नहीं लगता J-10C राफेल जैसा अच्छा लड़ाकू विमान है. हमें इस पैसे को प्रोजेक्ट Azm के निर्माण और JF-17 क्षमताओं को बढ़ाने में लगाना चाहिए था.''