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राजनयिकों के बच्चों को हटाने के भारत के फैसले से PAK असहमत

पाकिस्तान के विदेश विभाग ने यह भी बताया कि उसे दो महीने पहले फैसले के बारे में सूचना दी गई थी और उसे किसी अन्य बात से वाकिफ नहीं कराया गया.

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दो महीने पहले दी गई थी सूचना
दो महीने पहले दी गई थी सूचना

पाकिस्तान ने भारत के उस कदम से असहमति जताई है, जिसमें उसने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग में तैनात राजनयिकों और अधिकारियों से इस एकेडमिक सेशन से अपने बच्चों को वहां के स्कूलों से निकाल लेने को कहा है. पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को 'अनौपचारिक, अंदरुनी और प्रशासनिक इंतजाम बताया.’

पाकिस्तान के विदेश विभाग ने यह भी बताया कि उसे दो महीने पहले फैसले के बारे में सूचना दी गई थी और उसे किसी अन्य बात से वाकिफ नहीं कराया गया.

भारत-पाक संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच भारत ने यहां अपने उच्चायोग में अपने राजनयिकों और अधिकारियों से अपने बच्चों की शिक्षा का इंतजाम इस एकेडमिक सेशन से पाकिस्तान से बाहर करने को कहा है, जिससे यह वास्तव में स्कूली शिक्षा प्रदान नहीं करने वाले केंद्र के रूप में प्रदर्शित होता है.

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दो महीने पहले दी गई थी सूचना
पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा, ‘यह एक अनौपचारिक, अंदरुनी, प्रशासनिक इंतजाम है. इसकी सूचना हमे दो महीने पहले मिली थी. किसी अन्य बात से हमें अवगत नहीं कराया गया.’ बुरहान वानी के आठ जुलाई को मारे जाने के मद्देनजर कश्मीर के हालात पर पाकिस्तान और इसके प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भड़काऊ बयानों के बाद दोनों देशों के संबंधों में बढ़ती खटास के बीच यह घटनाक्रम हुआ है. बता दें, वानी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन संगठन का वांछित आतंकवादी कमांडर था.

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