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मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण सियासी मुद्दा बन गया, एंटीगुआ के विपक्ष ने किया भारत भेजे जाने का विरोध

एंटीगुआ की सरकार को डोमिनिका से मेहुल चोकसी को सीधे भारत भेजने की अपील करना महंगा पड़ गया है. एंटीगुआ में विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. विपक्षी पार्टी का कहना है कि एंटीगुआ के नागरिक को किसी दूसरे देश को नहीं सौंपा जा सकता.

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मेहुल चोकसी जनवरी 2018 में भारत छोड़कर भाग गया था. (फाइल फोटो-ANI)
मेहुल चोकसी जनवरी 2018 में भारत छोड़कर भाग गया था. (फाइल फोटो-ANI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • डोमिनिका में पकड़ाया है मेहुल चोकसी
  • एंटीगुआ ने भारत सौंपने की अपील की थी
  • एंटीगुआ सरकार के खिलाफ विरोध

मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण एंटीगुआ में सियासी मुद्दा बन गया है. एंटीगुआ में विपक्ष के नेता ने कहा है कि चोकसी एंटीगुआ का नागरिका है और उसके नागरिक को किसी दूसरे देश को सौंपा नहीं जा सकता है. बता दें कि डोमिनिका में चोकसी की गिरफ्तारी के बाद एंटीगुआ के पीएम ने कहा था कि डोमिनिका मेहुल चोकसी को सीधे भारत को सौंप दें. हालांकि अब ये मामला अदालत में चल गया है.

एंटीगुआ में विपक्षी पार्टी ने वहां की सरकार के खिलाफ घेराबंदी शुरू कर दी है. विपक्षी पार्टी के नेता का कहना है कि एंटीगुआ के नागरिक को किसी दूसरे देश को नहीं सौंपा जा सकता है.

पीएनबी घोटाले का आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी 26 मई को क्यूबा भागते वक्त डोमिनिका में पकड़ाया था. इसके बाद एंटीगुआ और बारबूडा के प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउन ने डोमिनिका की सरकार से मेहुल चोकसी को सीधे भारत को सौंपने का अनुरोध किया था. हालांकि, डोमिनिका की सरकार कह चुकी है कि मेहुल चोकसी को एंटीगुआ को ही सौंपा जाएगा. मेहुल चोकसी पीएनबी के साथ 13 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोपी है. जनवरी 2018 में चोकसी भारत छोड़कर भाग गया था.

मेहुल चोकसी पर एंटीगुआ सरकार के रवैये से वहां का विपक्ष नाराज है. विपक्षी पार्टी यूनाइटेड प्रोग्रेसिव पार्टी के नेता हेराल्ड लवेल का कहना है कि एंटीगुआ के कानून के मुताबिक, उसके नागरिक को किसी दूसरे देश को सौंपा नहीं जा सकता.

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उन्होंने कहा, "मेहुल चोकसी को एंटीगुआ और बारबूडा लौटना होगा. हालांकि, हम मेहुल चोकसी के पक्ष में नहीं हैं लेकिन वो एंटीगुआ का नागरिक है और इस नाते उनके भी कुछ अधिकार हैं. यहां उनके खिलाफ कई केस दर्ज हैं और उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. इसके बाद ही उनके प्रत्यर्पण पर फैसला होना चाहिए."

उन्होंने प्रधानमंत्री गेस्टन ब्राउन पर आरोप लगाया कि भारत की तरफ से रिक्वेस्ट पेंडिंग होने के बावजूद उन्होंने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर सही प्रक्रिया नहीं अपनाई.

हेराल्ड लवेल ने चोकसी के अपहरण की आशंका भी जताई और सरकार पर मिलीभगत का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा, "वो बोट से नहीं जा सकते और अगर गए भी तो सिर्फ उन्हें अकेले ही क्यों गिरफ्तार किया गया? जहाज के कैप्टन और बाकी लोगों का क्या हुआ. किसी और को गिरफ्तार कैसे नहीं किया गया?"

हालांकि, अभी इस बारे में जांच चल रही है कि चोकसी डोमिनिका तक कैसे पहुंचा. लेकिन विपक्षी नेता ने सरकार की मिलीभगत होने का आरोप लगाया है. हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि इस मामले में कौन-कौन शामिल हो सकते हैं.

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प्रधानमंत्री ब्राउन ने कहा था कि अगर मेहुल चोकसी को एंटीगुआ भेजा जाता है तो उसे यहां कानून का संरक्षण मिल जाएगा. इस पर हेराल्ड लवेल ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि वो यहां के नागरिक हैं लेकिन उन्हें कानून का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने ये भी कहा कि अगर मेहुल चोकसी को डोमिनिका से सीधे भारत को सौंपा जाता है तो इससे जिन लोगों ने इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम के जरिए एंटीगुआ की नागरिकता ली है, वो खुद को असुरक्षित महसूस करेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि हमारा मेहुल चोकसी से कोई लेना-देना नहीं है. गेस्टन ब्राउन ने एक लोकल एफएम रेडियो को यह बताया कि भारत से एक विमान डोमिनिका आया है जिसमें भारतीय अदालत के दस्तावेज मौजूद थे जो इस बात की तस्दीक करते हैं कि चोकसी भगोड़ा है.

23 मई को एंटीगुआ से गायब हो गया था चोकसी

मेहुल चोकसी एंटीगुआ स्थित अपने घर से 23 मई की शाम को गायब हो गया था. बकायदा उसके लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी. लेकिन 26 मई को उसे डोमिनिका में पकड़ लिया गया था. बताया जा रहा था कि वो क्यूबा भागने की फिराक में था, लेकिन रास्ते में ही उसे पकड़ लिया गया. पहले उसके भारत भेजे जाने की चर्चा थी, लेकिन बाद में डोमिनिका की सरकार ने साफ कर दिया कि उसे एंटीगुआ को ही सौंपा जाएगा. फिलहाल मेहुल चोकसी 2 जून तक डोमिनिका में ही क्वारनटीन रहेगा. उसके बाद ही उसको दूसरे देश भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू होगी.

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