पाकिस्तान में उत्पन्न राजनीतिक संकट गुरुवार को और गहराने के आसार पैदा हो गए. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे की मांग को लेकर राजधानी इस्लामाबाद में एक सप्ताह से धरने पर बैठे पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने कहा कि वे मरते दम तक धरना देंगे. उधर पाकिस्तान की संसद ने शरीफ के समर्थन में एकजुटता प्रदर्शित की और अमेरिकी विदेश विभाग ने भी एक बयान जारी कर कहा कि चुनी हुई सरकार सत्ता में काबिज है.
इमरान ने अमेरिका पर पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए मौजूदा राजनीतिक संकट पर अमेरिकी विदेश विभाग से जारी बयान को वापस लेने की मांग की है. इस बीच पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को शुक्रवार तक अपना संक्षिप्त बयान दाखिल कराने का निर्देश दिया है. उधर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने गुरुवार को मौजूदा राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रपति ममनून हुसैन से मुलाकात की. मीडिया रिपोर्टो के अनुसार, नवाज ने इस्लामाबाद के अवान-ए-सद्र में राष्ट्रपति से मुलाकात की.
मुलाकात के दौरान नवाज ने मौजूदा राजनीतिक संकट और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और पाकिस्तान आवामी तहरीक (पीएटी) की ओर से की गई मांग के बीच राष्ट्रपति को अपने भरोसे में लिया. दूसरी ओर अपने समर्थकों के रुख से उत्साहित पीटीआई नेता इमरान खान ने सरकार को जमकर कोसा और राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की धमकी दी. खान ने गृह सचिव और नवनियुक्त आईजी इस्लामाबाद को धमकी दी कि वे यह न समझें कि उन्हें बख्श दिया जाएगा.
डॉन की वेबसाइट के मुताबिक इमरान ने कहा, 'अपने जुनून में मैं आपको मार भी सकता हूं. मैं तब तक रेड जोन में रहूंगा जबतक मैं जिंदा हूं.' इमरान ने सभी प्रांतों से अपने समर्थकों को इस्लामाबाद आने का आह्वान किया. उन्होंने अपने समर्थकों और पीटीआई कार्यकर्ताओं को इस्लामाबाद के रेड जोन से कंटेनर हटाने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि वे आखिरी गेंद तक मैदान में डटे रहेंगे. उधर अमेरिकी विदेश विभाग ने गुरुवार को नवाज शरीफ के समर्थन में एक बयान जारी कर कहा है, 'चुनी हुई सरकार सत्ता में बैठी है.' इमरान ने इसके जवाब में कहा, 'यह सरकार अमेरिका की नौकर है जो अमेरिकियों के जूते में पालिश कर रही है.'
इमरान ने अमेरिका के राजदूत रिचर्ड ओल्सन से उनका संदेश अमेरिका के विदेश विभाग को भेजने का आग्रह किया और कहा कि क्या पाकिस्तानी किसी छोटे भगवान के बच्चे हैं. इस बीच पाकिस्तानी संसद ने गुरुवार को इमरान खान और ताहिरुल कादरी द्वारा प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के इस्तीफे और नेशनल असेंबली को भंग करने की मांग को खारिज करने वाले एक प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. यह प्रस्ताव वरिष्ठ राजनीतिज्ञ महमूद खान अचाकजई ने संसद की संप्रभुता और संविधान की सर्वोच्चता को बरकरार रखने के लिए पेश किया. उधर पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को शुक्रवार तक अपना संक्षिप्त बयान दाखिल कराने का निर्देश दिया.
अदालत ने पीटीआई के मौजूदा प्रदर्शन के खिलाफ दायर याचिका पर यह निर्देश दिया. डॉन ऑनलाइन के मुताबिक, प्रधान न्यायाधीश नसीरुल मुल्क की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों वाली वृहद पीठ ने मामले की सुनवाई की. यह याचिका लाहौर उच्च न्यायालय के मुल्तान बार एसोसिएशन ने दायर की है. इमरान के नेतृत्व में सरकार विरोधी मार्च गुरुवार को लाहौर से शुरू हुआ और करीब 36 घंटे बाद मार्च में शामिल लोग इस्लामाबाद पहुंचे. इमरान की पीटीआई और ताहिर-उल-कादरी की पाकिस्तान आवामी तहरीक (पीएटी) के हजारों कार्यकर्ता एक सप्ताह से इस्लामाबााद में धरना देकर बैठे हैं. दोनों नेताओं ने 2013 के चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए शरीफ से इस्तीफा देने और नेशनल असेंबली सहित सभी प्रांतीय असेंबलियों को भंग करने की मांग की है.