इजरायल-हमास युद्धविराम के बीच, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को इजरायली संसद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जमकर तारीफ की और उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘इजरायल प्राइज’ देने का ऐलान किया.
इस दौरान संसद में उपस्थित सांसदों ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच ट्रंप के सम्मान में खड़े होकर उनका स्वागत किया. नेतन्याहू ने संसद में ट्रंप को इजरायल प्राइज (Israel Prize) देने की घोषणा की, जो किसी गैर-इजरायली नागरिक को दिया जाने वाला पहला सम्मान है.
ट्रंप की उपस्थिति में संसद को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने उन्हें व्हाइट हाउस में इजरायल का सबसे बड़ा मित्र बताया. उन्होंने कहा कि "मैंने कभी किसी को इतनी तेज़ी से, निर्णायक रूप से और दृढ़ता से दुनिया को बदलते हुए नहीं देखा, जैसा कि हमारे मित्र डोनाल्ड ट्रंप ने किया."
नेतन्याहू ने कहा कि कि उन्होंने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया है. उन्होंने ट्रंप की उस भूमिका की भी सराहना की, जिसके चलते शेष इजरायली बंधकों की रिहाई सुनिश्चित हो सकी.
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नेतन्याहू ने बंधकों को छुड़ाने के लिए लॉन्च किए गए अमेरिकी सैन्य अभियान "ऑपरेशन मिडनाइट हैमर" की तारीफ करते हुए कहा कि यह "सबसे उपयुक्त नाम है, क्योंकि आधी रात के तुरंत बाद आपने वास्तव में उन्हें (दुश्मनों को) हथौड़े से मारा."
शांति और 7 अक्टूबर की याद
नेतन्याहू ने ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा,, "मिस्टर प्रेसिडेंट हम मिलकर शांति हासिल करेंगे. हमने इसे पहले अब्राहम समझौते के माध्यम से किया है, और हम इसे फिर से करेंगे." उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप के नेतृत्व में शांति लोगों की सोच से भी तेज़ी से आएगी.
अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने 7 अक्टूबर के हमले को याद करते हुए भावुक होकर कहा, "7 अक्टूबर को याद रखें और इसे कभी न भूलें. उन राक्षसों ने हमारे बच्चों को हमसे छीन लिया. साहस और बलिदान की कीमत भारी रही, लेकिन इन नायकों की वजह से हमारा राष्ट्र जिंदा रहेगा, आगे बढ़ेगा और शांति हासिल करेगा."
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गाजा में झड़प
इस बीच, अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में युद्धविराम लागू होने के बाद भी झड़पें हुई हैं. हमास के लड़ाकों ने गाजा शहर में एक सुरक्षा अभियान के दौरान एक "गैंग" के 32 सदस्यों को मार गिराया. इन झड़पों में हमास के छह कर्मी भी मारे गए.