भारत के पड़ोसी देश नेपाल में राजनीतिक घटनाक्रम काफी तेजी से बदल रहा है. संसद को भंग करने का फैसला लेने के बाद नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक और बड़ा निर्णय लिया है. केपी ओली ने अब पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष से हटा दिया है.
इतना ही नहीं नारायांकाजी श्रेष्ठ को प्रवक्ता के पद से हटाया गया है. अब पार्टी के 1199 सदस्यों की एक महाधिवेशन कमेटी बनाई गई है. पार्टी के सभी निवर्तमान सांसदों को केंद्रीय कमेटी का सदस्य बना दिया गया, साथ ही पार्टी के महाधिवेशन को नवंबर 2021 में बुलाया गया है.
केपी ओली के इस फैसले के बाद अब प्रचंड गुट ने काठमांडू में बैठक बुलाई है. प्रचंड गुट की बैठक में केपी ओली को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटाने, प्रधानमंत्री पद से हटाने और पार्टी से निकालने तक को लेकर मंथन हो सकता है.
केंद्रीय समिति की बैठक में केपी ओली की जगह माधव नेपाल को पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव पेश करने की तैयारी है.
आपको बता दें कि नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पार्टी में जारी हलचल के बाद ही संसद को भंग करने की सिफारिश कर दी थी. जिसके बाद राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने तुरंत मंजूरी दे दी थी, अब नेपाल में अप्रैल या मई के वक्त में चुनाव हो सकते हैं.
संसद भंग होने के फैसले के खिलाफ नेपाल में अलग-अलग जगह प्रदर्शन हो रहा है. इसके अलावा नेपाल की सुप्रीम कोर्ट में भी इस फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई हैं. बता दें कि ओली गुट और प्रचंड गुट के बीच लंबे वक्त से ही तकरार चल रही है.