
यूरोप देशों के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वोकल फॉर लोकल' पर पूरा जोर दिया है. कहने को ये सिर्फ एक मंत्र है जो उन्होंने देश के सभी लोगों को दिया था. लेकिन विदेशी धरती पर भी उन्होंने इसका अहसास करवा दिया है. नॉर्डिक देशों के प्रधानमंत्रियों को पीएम मोदी द्वारा जो खास तोहफे दिए गए हैं, उनमें 'वोकल फॉर लोकल' की छाप साफ महसूस की जा सकती है.
पीएम ने क्या तोहफे दिए?
पीएम मोदी ने डेनमार्क के क्राउन प्रिंस फ्रेडरिक को एक डोकरा बोट तोहफे में दी. ये कोई आम बोट नहीं बल्कि गैर-लोहे की धातु से बनी एक अनोखी कला है जिसका निर्माण छत्तीसगढ़ में किया गया है. बताया गया है कि पिछले 4000 वर्षों से भारत में इस कलाकृति का निर्माण होता आया है. अब मोदी ने सिर्फ प्रिंस को ही खास तोहफा नहीं दिया है, डेनमार्क की माहारानी क्वीन मार्गरेथ का भी उन्होंने सम्मान किया है. उन्हें गुजरात में बनाई गई एक खूबसूरत रोगन पेंटिंग भेंट के रूप में दी गई है. गुजरात के कच्छ में इस कला की प्रदर्शनी हर जगह देखी जा सकती है. इसकी खासियत ये है कि पेटिंग को बनाने में उबले हुए तेल और सब्जियों के रंग का इस्तेमाल किया जाता है.

अब पीएम मोदी ने विदेशी मेहमानों को सिर्फ राजस्थान या गुजरात की कला नहीं दिखाई है, उनकी तरफ से वाराणसी की मशहूर मीनाकरी बर्ड भी डेनमार्क की क्राउन प्रिंस मैरी को गिफ्ट में दी गई है. ये मीनाकरी बर्ड जिस कला के जरिए बनाई गई है, वो करीब 500 साल पुरानी है.
लोकल के लिए वोकल पीएम मोदी?
फिनलैंड की पीएम सना मरीन को भी पीएम मोदी ने अपने तोहफे से खुश किया है. उन्हें राजस्थान में बनने वाली ब्रास ट्री ऑफ लाइफ गिफ्ट में दी है. ये कोई सामान्य सी कलाकृति नहीं है बल्कि इसके पीछे एक बड़ा संदेश है. इस कला में जो पेड़ की पत्तियां दिखाई गई हैं, वो असल में सामवेशी जीवन के विभिन्न रूपों को दर्शाती हैं.
वहीं स्वीडन प्रधानमंत्री को जम्मू-कश्मीर की पश्मीना स्टॉल तोहफे के रूप में दी गई. खास मैटिरियल से बनने वाली ये स्टॉल कश्मीर की पहचान मानी जाती है. इसका कपड़ा इतना ज्यादा सॉफ्ट होता है कि इसकी तुलना किसी दूसरे फैब्रिक से नहीं की जाती.

अब ये सब इसलिए मायने रखता है कि क्योंकि मोदी सरकार लगातार वोकल फॉर लोकल पर जोर दे रही है. पूरी कोशिश है कि भारत के हर जिले की अपनी एक अलग पहचान है, एक अलग प्रोडक्ट हो. यूरोप देशों के दौरे के दौरान भी पीएम मोदी ने इसका खास ध्यान रखा है. जर्मनी और डेनमार्क में रह रहे भारतीय समुदाय को संदेश दिया गया है कि वे अपने दोस्तों को भारत भेजें, वे उन्हें भारत की मिट्टी से बने तोहफे दें, ऐसा होने पर देश की संस्कृति का ऐसा प्रचार होगा जिससे पूरी दुनिया में भारत के लोकल प्रोडक्ट फेमस हो जाएंगे.