म्यांमार में तख्तापलट के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं. एक ओर म्यांमार के कई पुलिसकर्मी पलायन करके भारत की शरण में आ गए हैं, तो दूसरी ओर म्यांमार की सेना टिकटॉक पर वीडियो बनाकर प्रदर्शनकारियों को धमकी दे रही है. हालांकि, अब टिकटॉक ने इन वीडियो को हटाने का फैसला किया है. साथ ही ऐसे अकाउंट बंद किए जा रहे हैं.
मिजोरम के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कम से कम 19 म्यांमार के पुलिस अधिकारी भारत में आए हैं और वहां शरण ले रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि मिजोरम के दो जिलों चंपई और सेरछिप में म्यांमार के शरणार्थी आए हैं, इस मुद्दे की संवेदनशीलता के कारण उनके नाम को गुप्त रखा गया है.
भारतीय पुलिस अधिकारी ने कहा कि भारत आए सभी पुरुष, जो निचले दर्जे के पुलिसकर्मी हैं, निहत्थे थे. खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, 'हमें और लोगों के आने की उम्मीद है.' भारत म्यांमार के साथ 1,643 किलोमीटर (1020 मील) बॉर्डर साझा करता है. म्यांमार में 1 फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद से कम से कम 54 लोग मारे गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार अकेले बुधवार को 38 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है. इस बीच म्यांमार सेना ने टिकटॉक के जरिए प्रदर्शनकारियों को जान से मारने की धमकी दी है. डिजिटल राइट्स ग्रुप म्यांमार आईसीटी फॉर डेवलपमेंट (MIDO) ने कहा कि उसे 800 से अधिक सैन्य समर्थक वीडियो मिले हैं, जिनमें प्रदर्शनकारियों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है.
टिकटॉक पर शेयर किए गए एक वीडियो में एक सेना का जवान कहता है- मैं आज रात पूरे शहर में गश्त करने जा रहा हूं और जिसे भी देखूंगा उसे शूट करूंगा ... अगर आप शहीद बनना चाहते हैं तो मैं आपकी इच्छा पूरी करूंगा.
हालांकि आलोचना के बीच टिकटॉक ने सभी वीडियो को हटा दिया है और अकाउंट को बंद कर दिया है. टिकटॉक के अलावा फेसबुक ने म्यांमार की सेना से जुड़े सभी पेज पर प्रतिबंध लगा दिया है. पिछले कुछ दिनों में म्यांमार में लोकतंत्र समर्थकों ने टिकटॉक, फेसबुक जैसे ऐप को खूब डाउनलोड किया है और #SaveMyammar की मुहिम चला रहे हैं.