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सऊदी क्राउन प्रिंस के इस कदम पर भड़के मुसलमान, बोले- ये नया काबा बना रहे

सऊदी अरब के मेगा प्रोजेक्ट न्यू मुरब्बा के तहत बनाए जा रहे विशाल संरचना मुकाब पर विवाद खड़ा हो गया है. मुसलमानों का कहना है कि इसकी आकृति पवित्र काबा की तरह है. उनका कहना है कि क्राउन प्रिंस सलमान मनोरंजन का अपना 'काबा' बना रहे हैं.

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मुकाब का आकृति काबा से मिलती-जुलती है (Photo-@PIF_en/Twitter)
मुकाब का आकृति काबा से मिलती-जुलती है (Photo-@PIF_en/Twitter)

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट विजन 2030 के तहत राजधानी रियाद के केंद्र में New Murabba नामक एक बेहद आधुनिक शहर का निर्माण करने जा रहे हैं. सरकार ने इस प्रस्तावित शहर का एक वीडियो जारी किया है जिसमें शहर के मुख्य आकर्षण उसकी विशाल इमारत, Mukaab के बारे में जानकारी दी गई है. इस विशाल इमारत की संरचना को देखकर मुसलमान बेहद गुस्से में हैं और सोशल मीडिया पर सऊदी सरकार की आलोचना कर रहे हैं.

लोगों का कहना है कि मुकाब की विशाल इमारत मक्का में इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल काबा की संरचना के समान है. काबा और मुकाब का अर्थ अरबी में एक ही होता है- घनाकार आकृति. इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं कि क्राउन प्रिंस सलमान एक अलग काबा बना रहे हैं जो मनोरंजन के लिए है.

गुरुवार को एसबीएस ने न्यू मुरब्बा डेवलपमेंट कंपनी के लॉन्च की घोषणा की जिसका मकसद 'रियाद में दुनिया का सबसे बड़ा आधुनिक शहर' विकसित करना है. 

रिपोर्ट के अनुसार, न्यू मुरब्बा में एक संग्रहालय, टेक्नोलॉजी और डिजाइन यूनिवर्सिटी, एक विशालकाय थिएटर और अन्य मनोरंजन और सांस्कृतिक स्थल होंगे. इनके अलावा शहर में हरियाली का भी खास ख्याल रखा जाएगा और पैदल यात्रियों के लिए भी रास्ते बनाए जाएंगे

रिपोर्ट में बताया गया, 'इस शहर में मुकाब नामक एक विशाल इमारत बनाई जाएगी जो एक मील का पत्थर साबित होगा. सभी नई तकनीकों से लैस यह इमारत 400 मीटर ऊंची, 400 मीटर चौड़ी और 400 मीटर लंबी दुनिया में सबसे बड़ी इमारतों में से एक होगी.'

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कहा जा रहा है कि क्यूब के आकार की इमारत में नज्दी स्थापत्य शैली का इस्तेमाल किया जाएगा. नज्द सत्तारूढ़ अल-सऊद राजवंश के पूर्वजों की पैतृक मातृभूमि रही है. मुकाब कथित तौर पर न्यूयॉर्क की एम्पायर स्टेट बिल्डिंग के आकार की 20 इमारतों के बराबर होगा. इसके केंद्र में एक विशाल सर्पिल टावर बनाया जाएगा.

प्रिंस सलमान के इस मेगा प्रोजेक्ट को किंगडम के सॉवरेन वेल्थ फंड, पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड (PIF) बना रही है. विजन 2030 के तहत बन रहे इस मेगा प्रोजेक्ट से सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में लगभग 50 अरब डॉलर का फायदा होगा. उम्मीद है कि यह प्रोजेक्ट तीन लाख 34 हजार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां देगा.

मुसलमानों के निशाने पर मुकाब

हालांकि, प्रिंस सलमान का यह मेगा प्रोजेक्ट सोशल मीडिया पर कई मुसलमानों के निशाने पर आ गया है.

प्रोफेसर डॉ मुहम्मद अल-हचिमी अल-हमीदी ने ट्वीट किया, 'क्या मोहम्मद बिन सलमान रियाद में अपना काबा बना रहे हैं? उन्होंने इस डिजाइन को अपनी नवीनतम परियोजना के लिए चुना है... यह तो मनोरंजन का एक नया 'काबा' है.'

उन्होंने नज्द क्षेत्र में प्रचलित एक भविष्यवाणियों का भी उल्लेख किया जिसमें कहा जाता है कि एक दिन शैतान के सींग बाहर निकल आएंगे.

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एक अन्य प्रोफेसर असद अबू खलील ने ट्वीट किया, 'ऐसा लगता है कि क्राउन प्रिंस अपना काबा बना रहे हैं. क्या सलमान इसे मुसलमानों के लिए नए किबला (वह दिशा जो काबा की है और जिस दिशा में मुसलमान नमाज पढ़ते हैं) बना देंगे?'

द इंटरसेप्ट के रिपोर्टर मुर्तजा हुसैन ने ट्वीट किया, 'पूंजीवाद को समर्पित एक नया काबा बनाया जा रहा है, यह कुछ ज्यादा नहीं हो गया.'

वैश्विक जोखिम और खुफिया फर्म, इंटरनेशनल इंटरेस्ट के प्रबंध निदेशक, सामी अल-हचिमी अल-हमीदी ने ट्विटर पर एक वीडियो में कहा है कि इसके द्वारा सऊदी अरब मक्का में काबा से अपनी पहचान को स्थानांतरित कर उसे रियाद ला रहा है.

हालांकि, कई लोग इन आलोचनाओं के जवाब में लिख रहे हैं कि सऊदी अरब में क्यूब के आकार की बहुत सी इमारतें मिल जाएंगी तो क्या वो सभी काबा हो गईं. कई यूजर्स आलोचना करने वालों पर सऊदी अरब की प्रगति से जलने के आरोप भी लगा रहे हैं.

स्मार्ट शहर NEOM भी आलोचनाओं के घेरे में रहा है 

सऊदी अरब के इन मेगा प्रोजेक्ट्स पर विवाद कोई नई बात नहीं है. विश्व भर के मुसलमान किंग सलमान की इन योजनाओं की आलोचना करते रहे हैं. सऊदी अरब की भविष्य की स्मार्ट सिटी NEOM पर भी काफी विवाद है. NEOM प्रोजेक्ट 170 किलोमीटर लंबा है जिसके विकास में 500 अरब डॉलर खर्च किए जा रहे हैं.

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इसकी लागत, पर्यावरण पर इसके प्रभाव, इसके निर्माण में मानवाधिकारों का उल्लंघन को लेकर इस प्रोजेक्ट की आलोचना होती रही है. इसे बनाने के लिए सऊदी अरब ने वहां बसी जनजातियों को विस्थापित कर दिया जिसे लेकर भी उसकी खूब आलोचना होती है. 

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