आप अपनी नाक की सर्जरी कराने जाएं और उसके बाद आपको पता चले कि पूरी जिंदगी आपको बिना नाक के ही बितानी पड़ेगी तो आपको कैसा लगेगा? ऐसा ही कुछ एक आदमी के साथ हुआ जो अपने तलाक के बाद नाक की सर्जरी कराने पहुंचा लेकिन डॉक्टर की गलती के चलते वह ताउम्र नाक के बिना ही रहेगा.
भारतीय मूल के इस व्यक्ति का नाम है विशाल ठक्कर. विशाल अमेरिकी बोर्ड ऑफ कॉस्मेटिक सर्जरी के प्रसिडेंट डॉक्टर एंजेलो क्यूजलीना के पास नाक की सर्जरी ये सोचकर कराने गया कि उसका चेहरा सर्जरी के बाद पहले से बेहतर हो जाएगा. लेकिन बेहतर होने की वजह उसके चेहरे की यह दशा हो गई है कि उसे अब मास्क लगाकर घूमना पड़ता है.
विशाल ने लोकल चैनल फॉक्स-23 को बताया कि 2006 में अपने तलाक के बाद वो खुद के लिए कुछ करना चाहते थे और अपनी नाक की सर्जरी कराने का फैसला किया. न्यूयॉर्क के मूल निवासी विशाल अपनी सर्जरी के समय ओकलाहोमा के टल्सा में थे. वहीं विशाल उस एरिया के टॉप प्लास्टिक सर्जन में शुमार डॉक्टर क्यूजलीना के पास गए.
इस मामले में डॉक्टर से तो संपर्क नहीं हो सका लेकिन जब फॉक्स-23 ने डॉक्टर के वकील का इंटरव्यू करना चाहा तो उन्होंने इंटरव्यू देने से साफ इनकार कर दिया. वकील ने यह कहकर इंटरव्यू देने से इनकार किया कि विशाल की मेडिकल हिस्ट्री पेशेंट और डॉक्टर के बीच गुप्त होती है.
विशाल ने बताया कि इस सर्जरी के बाद उन्हें सोते समय और वर्क आउट करते समय सांस लेने में तकलीफ भी होती थी. विशाल इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए एक साल के अंदर 8 बार डॉक्टर के पास गए.
विशाल ने आरोप लगाया कि उसने डॉक्टर क्यूजलीना की एक नर्स से जोर देकर कहा था कि उनके कान की किसी भी कार्टलिज का इस्तेमाल इस सर्जरी में ना किया जाए. सर्जरी के दौरान कान की कार्टलिज की उन्हें नाक के लिए जरूरत थी.
सर्जरी के बाद जब विशाल को होश आया तो उसके कानों के पीछे दर्द था क्योंकि डॉक्टर की टीम ने उसके कान की कार्टलिज को निकाला था. फॉक्स-23 ने बताया कि इसके लिए डॉक्टर ने ई-मेल के जरिए विशाल को एक माफीनामा भी लिखा था.
2011 में सर्जरी के बाद जब विशाल को होश आया तो उनकी नाक गायब हो चुकी थी. विशाल ने फॉक्स-23 को बताया, 'उन्होंने (डॉक्टर) मुझे बताया कि मेरी नाक में इनफेक्शन था और क्योंकि मैं ऑपरेटिंग टेबल पर था और बेहोश था इसलिए उन्हें फैसला लेना पड़ा.'
विशाल के वकील ने आरोप लगाया कि डॉक्टर क्यूजलीना ने चोरी से मेडिकल ऑफिस में हुए उनके बीच की बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया. जिस रिकॉर्डिंग को 31 अगस्त 2012 को डॉक्टर ने अपने जस्टीफिकेशन के रूप में पेश किया और कहा कि वो (डॉक्टर) विशाल का और इलाज नहीं करेंगे क्योंकि उसका व्यवहार उनके स्टाफ और उनके साथ सही नहीं है. इन सब के बाद विशाल ने फॉक्स-23 से कहा, 'अब इसका कोई रास्ता नहीं है. मुझे ऐसे ही जीना पड़ेगा और ऐसे जीना मरने से भी बदतर है.'