अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन के बीच मंगलवार को बहुप्रतीक्षित बैठक हुई थी. इस मीटिंग के सफल होने के बाद ट्रंप ने किम को व्हाइट हाउस आने का न्योता दिया था. अब उत्तर कोरियाई नेता ने इस न्योते को स्वीकार कर लिया है. ऐसे में अब जल्द ही व्हाइट हाउस में किम और ट्रंप की दूसरी मुलाकात हो सकती है.
न्यूज एजेंसी एएफपी ने कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी के हवाले से ये जानकारी साझा की है. इसके मुताबिक, किम जोंग उन ने डोनाल्ड ट्रंप के न्योते को स्वीकार कर लिया है. बता दें, अभी कुछ महीने पहले तक दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग चालू थी. लेकिन जब दोनों मिले तो मिजाज पूरी तरह से बदल गया.
North Korean leader Kim-Jong-Un accepts US President Donald Trump's invitation to visit the United States and says denuclearisation dependent on ceasing antagonism, reports AFP quoting Korean Central News Agency (KCNA) pic.twitter.com/RXv6fUGV6U
— ANI (@ANI) June 12, 2018
बता दें, ट्रंप और किम की ये मुलाकात 90 मिनट तक चली. दो दौर की बात और फिर वर्किंग लंच के बाद दोनों देशों ने साझा बयान जारी किया. साझे बयान में कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण निरस्त्रीकरण पर दोनों देशों ने सहमति जताई. अमेरिका हथियारों को नष्ट कराने के बाद उत्तर कोरिया का सहयोग करेगा. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ऐलान किया कि शर्तों के पूरा होने तक प्रतिबंध अभी जारी रहेंगे.
विश्वयुद्ध का टला खतरा?
गौरतलब है कि हाल तक उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण और इंटरकंटिनेंटल मिसाइलों को लेकर विश्वयुद्ध का खतरा उत्पन्न हो गया था. फिर इसी शर्त पर दोनों देश बातचीत की टेबल पर लौटे. उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण, हाइड्रोजन बमों के परीक्षण और मिसाइल परीक्षण पर अमेरिका का रुख सख्त था. ट्रंप ने ऐलान किया किम सभी परमाणु और मिसाइल परीक्षण स्थलों को नष्ट कराएंगे और अमेरिका इसकी निगरानी करेगा.
ट्रंप ने किम जोंग उन की सराहना करते हुए कहा कि इस उम्र में वे काफी प्रतिभावान हैं. वे अपने देश से बहुत प्यार करते हैं. किम के पास ऐतिहासिक मौका है अपने देश को दुनिया के साथ जोड़ने का, दुनिया की प्रगति में हिस्सेदार बनाने का. किम ने कोरियाई प्रायद्वीप को पूरी तरह परमाणु हथियारों से मुक्त करने का भरोसा दिलाया है. हम इस वादे पर भरोसा करेंगे और इस मिशन को पूरा करेंगे. ट्रंप ने इस मुलाकात को दुनिया में शांति की दिशा में सबसे बड़ा कदम बताया.