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'सबसे ज्यादा अलग-थलग...', UN में नेतन्याहू के बायकॉट पर खामेनेई का तंज

ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई ने इज़राइल के पीएम नेतन्याहू पर हमला करते हुए कहा कि ज़ायोनी शासन दुनिया में सबसे अधिक तिरस्कार और अलग-थलग महसूस करने वाला शासन है. नेतन्याहू ने शुक्रवार को यूएन में भाषण दिया था, लेकिन वह जैसे ही मंच पर पहुंचे तो उनका कड़ा विरोध हुआ. कई देशों के डेलिगेट्स ने नेतन्याहू का बॉयकॉट किया.

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खामेनेई ने नेतन्याहू का यूएन में भाषण देते हुए फोटो भी शेयर किया, जिसमें खाली हॉल दिख रहा है (Photo: AP)
खामेनेई ने नेतन्याहू का यूएन में भाषण देते हुए फोटो भी शेयर किया, जिसमें खाली हॉल दिख रहा है (Photo: AP)

ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को लेकर तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि ज़ायोनी शासन दुनिया में सबसे अधिक तिरस्कार और अलग-थलग महसूस करने वाला शासन है. उन्होंने ये टिप्पणी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर की. इसके साथ ही उन्होंने एक फोटो भी शेयर किया, जिसमें यूएन का हॉल दिख रहा है, जिसमें नेतन्याहू मंच से भाषण दे रहे हैं और उनके सामने लगभग खाली कुर्सियां हैं.

नेतन्याहू ने शुक्रवार को यूएन में भाषण दिया था, लेकिन वह जैसे ही मंच पर पहुंचे तो उनका कड़ा विरोध हुआ. कई देशों के डेलिगेट्स ने नेतन्याहू का बॉयकॉट किया और यूएन के हॉल से वॉकआउट कर दिया. इजरायली पीएम नेतन्याहू ने जैसे ही मंच से बोलना शुरू किया, तो ह़ॉल में शोर होने लगा. हालांकि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल उनके समर्थन में बैठा रहा.

नेतन्याहू ने यूएन में कहा कि इज़रायल गाज़ा में अपना काम पूरा करेगा और यह 'जितनी जल्दी हो सके' किया जाएगा. अपने भाषण से पहले उन्होंने इज़रायली सेना को गाज़ा पट्टी के चारों ओर लाउडस्पीकर लगाने का आदेश दिया था, ताकि उनका भाषण फ़िलिस्तीनियों तक पहुंच सके.

एक्सियोस की रिपोर्ट के अनुसार, अरब और मुस्लिम देशों के अधिकांश प्रतिनिधि नेतन्याहू के भाषण के दौरान हॉल छोड़ गए, साथ ही कई अफ्रीकी और कुछ यूरोपीय देशों के प्रतिनिधि भी उनके साथ वॉकआउट कर गए, यह वॉकआउट ऐसे समय में हुआ जब इज़रायल अंतरराष्ट्रीय मंच पर लगातार अलग-थलग हो रहा है और उसके केवल कुछ सहयोगी ही बचे हैं, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रमुख हैं. 

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वहीं, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने गुरुवार (25 सितंबर) को कहा था कि ईरान को इस बात की गारंटी चाहिए कि इजरायल उसके परमाणु ठिकानों पर हमला नहीं करेगा. तभी ईरान अपने न्यूक्लियर एनरिचमेंट प्रोग्राम और ऊर्जा उत्पादन को सामान्य करने पर विचार कर सकता है.

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