ईरान और इज़रायल में जारी जंग के बीच शनिवार (14 जून) को इराक़ के बसरा शहर में अबादान तेल रिफाइनरी के पास से धुएं का गुबार उठता देखा गया है जिसको लेकर दावा किया जा रहा है कि इजरायल की तरफ से ये हमला रिफाइनरी पर किया गया है. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह धुआं सीधे रिफाइनरी से निकल रहा था या फिर उसके पास किसी अन्य जगह से.
ईरानी मीडिया ने किया बड़ा दावा
वहीं, ईरान की महर न्यूज़ एजेंसी ने उत्तर-पश्चिमी शहर तबरीज़ में स्थित रिफाइनरी के पास एक इज़राइली हमले की खबर दी है, जिसके बाद उस इलाके से भी धुआं उठता देखा गया. इस खबर ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है और तेल के दामों पर भी इसका असर देखने को मिला है.
रिफाइनरी पर हमले के बाद क्रूड ऑयल की कीमत में बढ़ोतरी
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भी इस तनाव का असर देखने को मिला है. शुक्रवार को क्रूड ऑयल की कीमत लगभग 7% बढ़कर 74 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गई. यह आशंका जताई जा रही है कि अगर इज़राइल ने ईरान के तेल उत्पादन केंद्रों को लक्ष्य बनाया, तो इससे वैश्विक तेल आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हो सकती है.
फिलहाल, अबादान और तबरीज़ में हुए हमलों को लेकर ईरान की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं आई है, लेकिन रिफाइनरियों के पास उठते धुएं ने युद्ध के और खतरनाक रूप लेने की आशंका को और गहरा कर दिया है.
ऑटोमोबाइल फैक्ट्री पर भी मिसाइल अटैक
इसके अलावा ईरान के पश्चिमी क्षेत्र बोरुजर्द में एक ऑटोमोबाइल फैक्ट्री पर भी इज़राइल द्वारा हवाई हमला किए जाने का दावा किया गया है. शनिवार (14 जून) को सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में फैक्ट्री से उठता काला धुआं साफ देखा जा सकता है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने वीडियो की पुष्टि करते हुए बताया कि इसकी लोकेशन बोरुजर्द फैक्ट्री से मेल खाती है, जिसे सैटेलाइट इमेज और पुराने फाइल फुटेज से सत्यापित किया गया है. ईरानी मीडिया ने इजरायल के इस हमले को लेकर जानकारी दी है कि यह हमला 14 जून को हुआ. इसके साथ ही NASA की फायर मैप सर्विस (FIRMS) ने भी उसी दिन फैक्ट्री क्षेत्र में थर्मल एक्टिविटी रिकॉर्ड की है, जिससे हमले की पुष्टि होती है.
13 जून को इजरायल ने ईरान पर शुरू किया था हमला
शुक्रवार (13 जून) को इज़रायल ने ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया था. इस हमले में ईरानी सैन्य ठिकानों, परमाणु वैज्ञानिकों और अन्य रणनीतिक संस्थानों को निशाना बनाया गया जिसके जवाब में ईरान ने भी सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें इज़राइल की ओर दाग दी हैं.
तेहरान का दावा है कि उसका यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम शुद्ध रूप से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और उसका किसी भी प्रकार के परमाणु हथियार निर्माण से कोई लेना-देना नहीं है. हालांकि, इज़राइल इस दावे को नकारता आया है और वह ईरान की परमाणु क्षमताओं को रोकने के लिए बार-बार सैन्य कार्रवाई की चेतावनी देता रहा है.