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हक्कानी नेटवर्क से हैं काबुल को दहलाने वाले ISIS-K के कनेक्शन, UNSC रिपोर्ट में हुआ था खुलासा

हक्कानी नेटवर्क इस वक्त तालिबान के साथ मिलकर अफगानिस्तान पर कब्जा कर चुका है. लेकिन सच्चाई ये है कि हक्कानी नेटवर्क के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का दिमाग और पैसा लगा है. ऐसे में काबुल एयरपोर्ट पर धमाका करने वालों के तार सीधे ISI से जुड़ते हैं.

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अफगानिस्तान में एक्टिव हैं अलग-अलग आतंकी संगठन (File Photo)
अफगानिस्तान में एक्टिव हैं अलग-अलग आतंकी संगठन (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हक्कानी नेटवर्क और ISIS-K के बीच कनेक्शन
  • UNSC ने अपनी रिपोर्ट में किया था दावा

अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर हुए धमाके के पीछे ISIS के खुरासान गुट का हाथ है. इन धमाकों में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है. लंबे वक्त से इन इलाकों में ISIS को मंसूबों को लेकर चेताया जा रहा था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट में ISIS-K और हक्कानी नेटवर्क के कनेक्शन की बात भी की गई थी. 

हक्कानी नेटवर्क इस वक्त तालिबान के साथ मिलकर अफगानिस्तान पर कब्जा कर चुका है. लेकिन सच्चाई ये है कि हक्कानी नेटवर्क के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का दिमाग और पैसा लगा है. ऐसे में काबुल एयरपोर्ट पर धमाका करने वालों के तार सीधे ISI से जुड़ते हैं.

UNSC की रिपोर्ट में बताया गया था कि कुनार और नांगरहार इलाके में करीब 1500 से 2000 आतंकी ISIS-K के लिए काम करते हैं. इनमें अधिकतर पाकिस्तानी और अफगान नागरिक हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2020 के बाद शाहाब अल मुजाहिर की अगुवाई में ISIS-K ने एक बार फिर अपने लड़ाकों को तैयार करना शुरू किया था. ये रिपोर्ट इसी साल जारी की गई थी.


गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से लगातार तालिबान का समर्थन दिया जा रहा है. जब अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा किया था, तब भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसका समर्थन किया था. साथ ही पाकिस्तान के आतंकी संगठनों और तालिबान के बीच संबंध भी उजागर हुए थे.

हाल ही में तालिबान ने अपने एक बयान में कहा था कि पाकिस्तान उसके लिए दूसरा घर जैसा है. ऐसे में काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले के बीच एक बार फिर तालिबान-ISI के संबंधों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. भारत दुनिया को लगातार इसको लेकर चेताता आ रहा है, इन हमलों के बाद भी भारत ने कहा है कि सभी देशों को आतंकी संगठन, उनके साथ देने वाले देशों के खिलाफ एकजुट होना होगा. 

 

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