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ईरान ने हासिल कर लिया इजरायल का न्यूक्लियर सीक्रेट, कहा- टारगेट तैयार है, अगर इजरायल ने...

ईरान की खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि उन्होंने इजरायल के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित "संवेदनशील दस्तावेज" हासिल किए हैं. इनमें दस्तावेज, तस्वीरें और वीडियो शामिल हैं, जो कथित तौर पर इजरायल की "परमाणु परियोजनाओं और सुविधाओं" से संबंधित हैं. ईरान के खुफिया मंत्री इस्माइल खातिब ने इसे महत्वपूर्ण खुफिया उपलब्धि बताया है. 

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ईरान ने इजरायल पर हमले की धमकी दी है.
ईरान ने इजरायल पर हमले की धमकी दी है.

ईरान ने कहा है कि उसकी खुफिया एजेंसियों ने एक गुप्त ऑपरेशन में इजरायल के गुप्त परमाणु ठिकानों की सूची हासिल कर ली है. ईरान ने धमकी दी है कि अगर इजरायल ने कोई भी भड़काने वाली कार्रवाई की तो तेहरान इजरायल के न्यूक्लियर साइट पर हमलाकर उसे नष्ट करेगा.

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ईरान की सुप्रीम राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एसएनएससी) का कहना है कि देश के खुफिया बलों ने हाल ही में एक ऑपरेशन किया है और उन स्थानों की सूची हासिल की है जहां पर इजरायल के परमाणु ठिकाने हैं. ईरानी खुफिया एजेंसियों ने इस लिस्ट को ईरान की सेना को सौंप दिया है. SNSC का कहना है कि अगर इजरायल कोई उकसावे वाली कार्रवाई करता है तो ऐसे साइट को ईरान निशाना बना सकता है. 

ईरान के खुफिया मंत्रालय ने घोषणा की कि उसे इजरायल के परमाणु कार्यक्रम और पश्चिमी देशों के साथ उसके संबंधों के बारे में गुप्त दस्तावेजों का एक “खजाना” मिला है. सोमवार को प्रकाशित अपने बयान में सुप्रीम राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने कहा कि जटिल खुफिया ऑपरेशन के माध्यम से प्राप्त जानकारी में इजरायल के छिपे हुए परमाणु स्थलों का ठिकाना भी शामिल है. इसमें कहा गया है, “ईरान के परमाणु बुनियादी ढांचे पर किसी भी इजरायली हमले के जवाब में इन गुप्त स्थलों पर हमला किया जाएगा.”

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सुप्रीम राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की मानें तो इजरायली टारगेट का नक्शा ईरानी सेना की टेबल पर है, और यदि इजरायल किसी भी प्रकार की आक्रामक कार्रवाई करता है तो उसके गुप्त परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जाएगा.

ईरानी सरकारी टेलीविजन और अन्य मीडिया आउटलेट्स जैसे IRNA और तस्नीम न्यूज एजेंसी ने दावा किया है कि ईरान की खुफिया सेवाओं ने इजरायल के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित "संवेदनशील दस्तावेज" हासिल किए हैं. इनमें दस्तावेज, तस्वीरें और वीडियो शामिल हैं, जो कथित तौर पर इजरायल की "परमाणु परियोजनाओं और सुविधाओं" से संबंधित हैं. ईरान के खुफिया मंत्री इस्माइल खातिब ने इसे महत्वपूर्ण खुफिया उपलब्धि बताया है. 

ईरानी मीडिया ने यह भी दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने भी इजरायल की राजधानी तेल अवीव के नजदीक स्थित सोरेक न्यूक्लियर रिसर्च फैसिलिटी से कुछ दस्तावेजों के चोरी होने की पुष्टि की है. 

समाचार एजेंसी एपी के अनुसार राफेल ग्रॉसी ने कहा, "हमने प्रेस में कुछ रिपोर्ट देखी हैं, हमें इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है, हालांकि यह सोरेक न्यूक्लियर रिसर्च फैसिलिटी की ओर इशारा करता है, हालांकि हमने इसका निरीक्षण किया है, लेकिन हम किसी भी प्रोग्राम के अन्य रणनीतिक भागों का निरीक्षण नहीं करते हैं."

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हालांकि राफेल ग्रॉसी ने ये नहीं बताया कि उन्हें यह जानकारी कहां से मिली.

बता दें कि सोरेक तेल अवीव से 20 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है, यह 1958 में इजरायल में स्थापित परमाणु विज्ञान के लिए एक राष्ट्रीय प्रयोगशाला है, जो परमाणु विज्ञान, विकिरण सुरक्षा और अप्लाइड फिजिक्स पर काम करती है.

इजरायल, जिसका अघोषित परमाणु हथियार कार्यक्रम उसे मध्यपूर्व में परमाणु बमों वाला एकमात्र देश बनाता है, ने ऐसे किसी भी ईरानी ऑपरेशन को स्वीकार नहीं किया है. लेकिन गाजा पट्टी में इजरायल-हमास युद्ध के दौरान तेहरान के लिए कथित तौर पर जासूसी करने वाले इजरायलियों को गिरफ्तार किया गया है.

ईरान द्वारा हाल ही में प्राप्त गुप्त इजरायली दस्तावेजों के के कथित 'खजाने' की ओर इशारा करते हुए ईरान ने कहा कहा कि ऐसी जानकारी तक पहुंच और खुफिया ऑपरेशन के पूरा होने से ईरानी सेना की क्षमताओं में वृद्धि हुई है. 

ईरान के अनुसार आज ईरान की सेनाएं हमारे परमाणु प्रतिष्ठानों के खिलाफ यहूदी शासन द्वारा किसी भी संभावित आक्रमण का तुरंत जवाब देने में सक्षम हैं.

ईरानी खुफिया मंत्री इस्माइल खातिब ने दावा किया कि इस ऑपरेशन में हजारों पन्नों के दस्तावेज प्राप्त हुए हैं जिन्हें जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा. इनमें अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों से संबंधित दस्तावेज शामिल थे, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया कि उन्हें "घुसपैठ" के जरिये और "स्रोतों तक पहुंचकर" हासिल किया गया था.

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ईरान के परमाणु बम की सबसे बड़ी बाधा है इजरायल

बता दें कि मध्यपूर्व के राजनीतिक और रणनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर इजरायल कभी नहीं चाहता है कि ईरान परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बने. तेहरान टाइम्स के अनुसार इजरायल मानता है कि जिस तरह लीबिया को उसके परमाणु सपने को खत्म कर दिया गया, वैसा ही ईरान के साथ होना चाहिए. इससे कम कोई भी समझौता अस्वीकार्य है. 

इजरायली सैन्य अधिकारियों ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हमलों के लिए खुले तौर पर तैयारी की है, नातान्ज़ और फ़ोर्डो जैसी ईरानी भूमिगत परमाणु साइट पर हमला करने के लिए इजरायली एयरफोर्स ने तैयारी की है. 

इजरायली के पास ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ गुप्त अभियानों का इतिहास है. ईरान का दावा है कि इजरायल तेहरान में साइबर हमलों (जैसे स्टक्सनेट वायरस) से लेकर परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या जैसे कोशिशों में शामिल रहा है. 
 

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